BY: Yoganand Shrivastva
वॉशिंगटन, एलन मस्क और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बढ़ते तनाव ने अब तकनीकी और सैन्य परियोजनाओं को भी प्रभावित करना शुरू कर दिया है। हाल ही में अमेरिकी वायुसेना द्वारा स्पेसएक्स के हाइपरसोनिक कार्गो डिलीवरी प्रोजेक्ट के परीक्षण को स्थगित कर दिया गया है। इस फैसले को लेकर जहां पर्यावरणीय कारणों का हवाला दिया गया, वहीं कई लोग इसे ट्रंप और मस्क के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान से भी जोड़कर देख रहे हैं।
क्या था स्पेसएक्स का यह परीक्षण?
स्पेसएक्स और अमेरिकी वायुसेना की इस साझेदारी के तहत ऐसा हाइपरसोनिक रॉकेट तैयार किया जा रहा था जो 100 टन तक का सामान पृथ्वी के किसी भी हिस्से में 90 मिनट में पहुंचा सके। इस प्रोजेक्ट का परीक्षण प्रशांत महासागर में स्थित जॉनस्टन एटोल नामक द्वीप पर किया जाना था।
इस रॉकेट के रिएंट्री व्हीकल की लैंडिंग क्षमताओं की जांच की जानी थी, जो सैन्य रसद में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती थी। लेकिन अब यह परीक्षण फिलहाल के लिए टाल दिया गया है।
पर्यावरण को लेकर जताई गई चिंता
वायुसेना के आधिकारिक बयान के अनुसार, इस परीक्षण को स्थानीय समुद्री पक्षियों और पारिस्थितिक तंत्र पर संभावित खतरे को देखते हुए रोका गया है। जीवविज्ञानियों ने चेतावनी दी थी कि रॉकेट परीक्षण से इस क्षेत्र की नाजुक जैव विविधता को नुकसान पहुंच सकता है।
हालांकि, इससे पहले वायुसेना ने यह भी कहा था कि वह पर्यावरणीय मूल्यांकन कराएगी, लेकिन पर्यावरण समूहों और वैज्ञानिक समुदाय के विरोध के चलते यह फैसला लिया गया।
क्या ट्रंप की नाराजगी असली वजह?
हालांकि, इस परियोजना के रुकने के पीछे एक राजनीतिक वजह भी मानी जा रही है। एलन मस्क और ट्रंप के बीच हाल ही में सियासी तनाव बढ़ गया है। ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ को लेकर मस्क की नाराजगी के बाद उन्होंने नई राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा कर दी थी।
वहीं ट्रंप ने भी हाल ही में एक बयान में कहा था कि
“टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी कंपनियों से अनुबंध खत्म करना बजट में कटौती का सबसे आसान तरीका है।”
यह बयान अपने आप में संकेत देता है कि मस्क को लेकर ट्रंप का रवैया बदल गया है। ट्रंप के सत्ता में लौटने की संभावनाओं के बीच स्पेसएक्स जैसे प्रोजेक्ट्स पर असर पड़ना लाजमी माना जा रहा है।
मस्क की कंपनियों पर खतरे के बादल?
एलन मस्क की कंपनियों – स्पेसएक्स, टेस्ला और एक्स (पूर्व ट्विटर) – को अमेरिकी सरकार की लगभग 17 एजेंसियों से करीब 25 हजार करोड़ रुपए के अनुबंध मिले हुए हैं। अगर सरकार ये अनुबंध समाप्त करती है, तो मस्क को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
वैकल्पिक जगह की तलाश में है वायुसेना?
रिपोर्ट्स की मानें तो वायुसेना परीक्षण के लिए अन्य स्थानों की संभावनाएं तलाश रही है, जिससे यह संकेत मिलता है कि परियोजना को पूरी तरह बंद नहीं किया गया है, लेकिन फिलहाल यह टाल दी गई है।