मुख्य बातें:
- अब ‘Made in USA’ नहीं, सिर्फ ‘बनाया गया अमेरिका में’ जैसा दावा
- फोन की असलियत: एक ओवरप्राइस्ड मिड-रेंज चीनी फोन
- पहले वादा किया अमेरिका में निर्माण, अब दिखा बदलाव
- कीमत से ज्यादा राजनीति, गुणवत्ता पर सवाल
ट्रंप मोबाइल ने बदला प्रचार स्लोगन
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रचारित ‘Trump Mobile’ ने अपने फोन को लेकर ‘Made in America’ का दावा चुपचाप हटा दिया है। अब कंपनी कह रही है कि फोन को ‘अमेरिका में जीवंत किया गया’ यानी ‘Brought to life right here in the USA’।
महज एक हफ्ते पहले तक कंपनी दावा कर रही थी कि उनके स्मार्टफोन T1 का निर्माण अमेरिका के अलबामा, कैलिफोर्निया और फ्लोरिडा में किया जाएगा। लेकिन अब आधिकारिक वेबसाइट पर यह दावा गायब है।
लॉन्च में भी दिखा बड़ा बदलाव
- पहले कहा गया था कि T1 फोन अगस्त में शिप होंगे, अब वेबसाइट पर लिखा है “इस साल के आखिर में”।
- फोन की स्पेसिफिकेशन भी बदली गई हैं। स्क्रीन का साइज़ 6.78 इंच से घटाकर 6.25 इंच कर दिया गया है।
- 12GB रैम का जो वादा किया गया था, वो भी वेबसाइट से गायब है।
फोन लेने के लिए जरूरी है प्लान लेना
Trump Mobile ने अपनी शर्तों में बड़ा बदलाव किया है। अब अगर कोई व्यक्ति फोन प्री-ऑर्डर करना चाहता है, तो उसे कंपनी का मोबाइल प्लान लेना अनिवार्य होगा।
- यह प्लान $47.45 प्रति माह का है।
- यह कीमत ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल (45वें राष्ट्रपति) का प्रतीक मानी जा रही है।
- यह प्लान Liberty Mobile Wireless द्वारा संचालित है, जो कि मियामी स्थित ट्रंप टॉवर में बेस्ड एक कम चर्चित कंपनी है।
असल में कोई बड़ा स्मार्टफोन अमेरिका में नहीं बनता
सच्चाई यह है कि आज भी कोई मुख्यधारा स्मार्टफोन पूरी तरह अमेरिका में नहीं बनता। ‘Made in America’ टैग लगाने के लिए जरूरी होता है कि लगभग सभी पार्ट्स अमेरिका में बने हों, जबकि करीब 80% स्मार्टफोन के पुर्जे चीन से आते हैं।
यह स्थिति एप्पल और सैमसंग पर भी लागू होती है, जिनका उत्पादन एशिया पर ही निर्भर है। ट्रंप ने पहले भी एप्पल की सप्लाई चेन और चीन पर निर्भरता की आलोचना की थी और 25% टैरिफ की धमकी भी दी थी, लेकिन अब उनके खुद के ब्रांड पर सवाल उठ रहे हैं।
ट्रंप परिवार का दावा और हकीकत
डोनाल्ड ट्रंप जूनियर और एरिक ट्रंप इस पूरे मोबाइल ब्रांड की अगुवाई कर रहे हैं। दोनों अमेरिका में स्मार्टफोन निर्माण को वापस लाने की बात कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल इसका कोई ठोस उदाहरण सामने नहीं आया है।
निष्कर्ष: ज्यादा प्रचार, कम हकीकत
Trump Mobile का यह पूरा मामला दिखाता है कि राजनीति और ब्रांडिंग के बीच कैसे उपभोक्ताओं को भ्रमित किया जा सकता है। ‘मेड इन अमेरिका’ का दावा सिर्फ एक प्रचार गिमिक बनकर रह गया है, असल में फोन के पुर्जे और निर्माण चीन से ही जुड़े हुए हैं।