BY: Yoganand Shrivastva
भोपाल, भोपाल जिले में लंबे समय से एक ही ग्राम पंचायत में पदस्थ रहे 13 पंचायत सचिवों का तबादला कर दिया गया है। बीते सात दिनों में यह तीसरी तबादला सूची है और अब तक कुल 43 सचिवों को नई जगह भेजा जा चुका है। जिला प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि सचिवों को वेतन और छुट्टी का लाभ तभी मिलेगा जब वे पुरानी पंचायत से कार्यमुक्त होकर नई पंचायत में कार्यभार ग्रहण कर लेंगे।
तबादलों की मंजूरी मंत्री स्तर से
इससे पहले 10 जून को जिले के प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप ने 30 पंचायत सचिवों की तबादला सूची को स्वीकृति दी थी। अब 17 जून की रात को 13 और सचिवों की नई सूची जारी की गई। इस प्रक्रिया में प्रशासन ने स्थानांतरण नीति के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की राय को भी ध्यान में रखा है।
भोपाल जिले का प्रशासनिक ढांचा
भोपाल में कुल 222 ग्राम पंचायतें हैं, जिनका संचालन बैरसिया और फंदा जनपद पंचायतों के अंतर्गत होता है। इन दोनों जनपदों में सचिवों का समायोजन किया गया है।
सचिवों के लिए सख्त निर्देश
- सचिवों को 14 दिनों के भीतर अपनी नई पंचायत में कार्यभार ग्रहण करना होगा और इसकी लिखित सूचना देनी होगी।
- यदि किसी सचिव के नजदीकी रिश्तेदार उस पंचायत में पदाधिकारी हैं, जहां तबादला हुआ है, तो वह आदेश स्वतः निरस्त माना जाएगा।
- इसी तरह, किसी सचिव का तबादला पैतृक गांव या ससुराल की ग्राम पंचायत में हुआ है, तो वह आदेश भी अमान्य होगा।
- जो सचिव समय पर ज्वॉइन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- वेतन और अवकाश की सुविधा केवल नई जगह पर ज्वॉइनिंग के बाद ही मिलेगी।
निष्कर्ष
यह तबादला प्रक्रिया जिला प्रशासन द्वारा पंचायत व्यवस्था में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए की गई है। लगातार एक ही जगह कार्य कर रहे अधिकारियों को हटाकर नए सिरे से प्रशासनिक संतुलन बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह आदेश संकेत है कि अब पंचायत व्यवस्था में नियमों का पालन अनिवार्य होगा।