BY: MOHIT JAIN
एशिया कप 2025 का फाइनल भारत और पाकिस्तान के बीच एक यादगार मुकाबला बन गया, जिसमें भारत ने 5 विकेट से जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया। इस जीत के सबसे बड़े नायक रहे युवा बल्लेबाज़ तिलक वर्मा, जिन्होंने न सिर्फ टीम को मुश्किल समय से निकाला बल्कि जीत की राह भी दिखा दी।
जब भारत पर मंडरा रहा था संकट

फाइनल मैच में पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 146 रन का टारगेट दिया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही। महज़ 20 रन पर ही भारत के 3 अहम विकेट गिर चुके थे:
- अभिषेक शर्मा: 5 रन
- शुभमन गिल: 12 रन
- सूर्यकुमार यादव: 1 रन
ऐसे में लग रहा था कि पाकिस्तान मैच पर पकड़ बना लेगा। लेकिन कहानी तब बदली जब मैदान पर आए तिलक वर्मा।
तिलक वर्मा की साहसी और समझदारी भरी पारी
तिलक वर्मा ने दबाव भरे हालात में ज़िम्मेदारी से खेलते हुए शानदार बल्लेबाज़ी की। उन्होंने 53 गेंदों में 69 रनों की नाबाद पारी खेली, जिसमें 3 चौके और 4 गगनचुंबी छक्के शामिल थे।
सबसे खास बात यह रही कि वो अंत तक नॉट आउट रहे और एक छोर को मजबूती से संभाले रखा। उनकी इस पारी ने साबित कर दिया कि वह बड़े मौकों के बड़े खिलाड़ी हैं।
A stellar performance tonight ⭐️⭐️⭐️
— BCCI (@BCCI) September 28, 2025
Describe Tilak Varma’s masterful knock 👇
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शिवम दुबे का दमदार योगदान
तिलक के साथ शिवम दुबे ने भी शानदार भूमिका निभाई। उन्होंने 22 गेंदों में 33 रनों की पारी खेली, जिसमें 2 चौके और 2 छक्के शामिल रहे। उनकी आक्रामकता और तिलक की स्थिरता ने पाकिस्तान के गेंदबाज़ों को कोई मौका नहीं दिया वापसी का।
कुलदीप यादव ने दिखाया क्लास
जहां बल्लेबाज़ों ने मैच जिताने का काम किया, वहीं गेंदबाज़ों में कुलदीप यादव सबसे चमकते सितारे रहे। उन्होंने अपने चार ओवर में केवल 30 रन देकर 4 विकेट चटकाए। उनकी घूमती गेंदों के आगे पाकिस्तानी बल्लेबाज़ टिक नहीं पाए।
कुलदीप ने अहम मौकों पर विकेट निकालकर पाकिस्तान की रन गति पर ब्रेक लगाया और उन्हें बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया।
क्यों तिलक वर्मा हैं असली हीरो?
- मुश्किल समय में टीम को संभाला
- अंत तक टिके रहे और नाबाद लौटे
- मैच जिताने वाली पारी खेली
- विपक्षी के बेस्ट गेंदबाज़ों को बेअसर कर दिया
तिलक वर्मा की यह पारी न सिर्फ उनके करियर की सबसे यादगार पारियों में से एक बन गई है, बल्कि उन्होंने देशवासियों के दिलों में भी खास जगह बना ली है।
भारत की यह जीत एक टीम प्रयास का नतीजा थी, लेकिन तिलक वर्मा की पारी ने इस फाइनल को खास बना दिया। कुलदीप यादव और शिवम दुबे जैसे खिलाड़ियों का योगदान भी अहम रहा, लेकिन तिलक की बैटिंग ने पूरे मैच की तस्वीर ही बदल दी।