रिपोर्ट- सोमनाथ मिश्रा, जबलपुर
जबलपुर में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) की एक बड़ी कार्रवाई के दौरान उस समय सनसनी फैल गई, जब ट्राइबल असिस्टेंट कमिश्नर सरवटे के घर से बाघ की खाल बरामद की गई। इस खुलासे के बाद न सिर्फ प्रशासनिक हलकों में बल्कि पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।
EOW की टीम जब सरवटे के घर पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में छापेमारी कर रही थी, तभी उन्हें घर के भीतर बाघ की खाल दिखी। तत्काल इस बात की सूचना वन विभाग को दी गई। सूचना मिलते ही DFO ऋषि मिश्रा की अगुवाई में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और खाल की जांच की।

DFO ऋषि मिश्रा ने पुष्टि करते हुए बताया कि,
“यह बाघ की खाल प्रतीत होती है, जिसकी उम्र और उत्पत्ति को लेकर जांच की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि यह किस घटना से जुड़ी हो सकती है और सरवटे के पास यह कैसे पहुंची।”
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत बाघ की खाल रखना एक गंभीर अपराध है और इसके लिए कठोर सजा का प्रावधान है। ऐसे में सरवटे की मुश्किलें अब और बढ़ सकती हैं।
इसके अलावा EOW की छापेमारी में सरवटे के घर से महंगी शराब, आभूषण, और लग्ज़री वस्तुएं भी बरामद हुई हैं। अब चर्चाएं हैं कि जांच के आगे बढ़ने पर और भी विलासिता से जुड़ी संपत्तियों का खुलासा हो सकता है।
EOW और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में अब इस बात की जांच हो रही है कि क्या सरवटे वन्यजीव तस्करी या अवैध शिकार जैसे किसी गिरोह से जुड़ा था, या यह खाल केवल दिखावे के लिए घर पर रखी गई थी।
इस घटना ने प्रशासनिक वर्ग में एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सरकारी पदों पर बैठे लोग किस तरह से कानून का उल्लंघन कर रहे हैं और अपनी पहुंच व प्रभाव का दुरुपयोग कर रहे हैं।