BY: Yoganand Shrivastva
इंदौर | इंदौर में इस बार जुलाई की बारिश ने अब तक निराश ही किया है। महीने का आधा हिस्सा बीत चुका है, लेकिन शहर में अब तक महज 21 मिमी (लगभग 0.8 इंच) वर्षा दर्ज हुई है, जबकि सामान्य तौर पर जुलाई में करीब 10 इंच तक बारिश हो जानी चाहिए थी।
हर रोज आसमान में बादल तो नजर आते हैं, लेकिन झमाझम बारिश का नजारा अब तक नहीं मिला। हल्की बूंदाबांदी के बाद बादल छंट जाते हैं और कुछ ही मिनटों में बारिश थम जाती है। इस कारण सड़कों पर धूल उड़ रही है और उमस व गर्मी लोगों को परेशान कर रही है।
बुधवार को भी कुछ इलाकों में हल्की बारिश हुई, लेकिन शहर के एयरपोर्ट क्षेत्र समेत कई हिस्से सूखे ही रहे।
मौसम विभाग का विश्लेषण
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बना मानसूनी सिस्टम प्रदेश के पूर्वी इलाकों में सक्रिय है। लेकिन इसका असर मालवा अंचल, विशेषकर इंदौर में दिखाई नहीं दे रहा, जिसके चलते बारिश लगातार सीमित हो रही है।
पिछले साल की तुलना में बेहद कम बारिश
- साल 2023 में जुलाई के महीने में करीब 10 इंच बारिश दर्ज की गई थी।
- उस दौरान पूरे महीने में 27 दिन तक रुक-रुक कर बारिश होती रही थी।
- चार दिन ऐसे भी रहे, जब आधा इंच से ढाई इंच तक वर्षा हुई थी।
इतिहास पर नजर डालें तो वर्ष 2013 में जुलाई में 22 इंच से भी ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी, जो इंदौर के लिए एक रिकॉर्ड माना जाता है।
फिलहाल मौसम में राहत की कोई स्पष्ट संभावना नहीं
फिलहाल इंदौरवासियों को तेज बारिश का इंतजार अभी और करना पड़ सकता है। मौसम विभाग का मानना है कि अगर बंगाल की खाड़ी से नया सिस्टम विकसित हुआ और वह पश्चिम की ओर बढ़ा, तभी इंदौर और आसपास के क्षेत्रों में अच्छी बारिश की संभावना बनेगी।