भारत के हर घर में मिलेगा ये फल, लेकिन इसकी जड़ें हैं इस देश में!

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This fruit is the first choice of every rich and poor person in India

गर्मियों के रसीले फल में छुपा है, सेहत का खजाना

BY: Vijay Nandan

भोपाल: तरबूज गर्मियों का एक अनमोल तोहफा है, जो न सिर्फ स्वाद में मीठा होता है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। यह पानी से भरपूर फल शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है और गर्मी से राहत दिलाता है। तरबूज एक ऐसा फल है जो हर अमीर और गरीब के घर में खाया जाता है, इस साल तरबूज की आवक अधिक होने के कारण थोक बाजार में इसकी कीमत ₹8 से 10 प्रति किलो तक पहुंच गई है। खुदरा बाजार में भी तरबूज ₹15 से 20 प्रति किलो के दर से बिक रहा है, जो कि पिछले साल की तुलना में काफी कम है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि तरबूज की उत्पत्ति भारत में नहीं बल्कि उत्तरी और पश्चिमी अफ्रीका हुई थी, लगभग 1100 वर्ष पूर्व (9वीं-10 शताब्दी) में अरबी व्यापारी इसे भारत लाए थे।

हर देश में तरबूज का अलग नाम

तरबूज अलग-अलग देशों में विभिन्न नामों से जाना जाता है। तरबूज ने अपनी इस लंबी यात्रा में अपने कई नाम रख लिए हैं, जैसे अंग्रेजी (English) – वाटरमेलन, अरबी (Arabic) – बतीख, फ्रेंच (French) पास्तेक. स्पेनिश (Spanish) – सान्दिया, जर्मन (German) – वासरमेलन, इटालियन (Italian) – कोकोमेरो या अंगूरिया, रूसी (Russian) – आर्बुज़, चीनी (Mandarin) – शीगुआ, जापानी (Japanese) – सुइका, कोरियाई (Korean) – सुबाक नाम से जाना जाता है।

भारतीय भाषाओं में तरबूज के चौंकाने वाले नाम

भारत के अलग-अलग राज्यों और भाषाओं में ही तरबूज के नाम चौंकाने वाले हैं। संस्कृत – कालिंद फल, हिंदी – तरबूज, मराठी – कालींद, गुजराती – तरबूज, पंजाबी – हदवाना, तमिल – तरबूशनि, तेलुगु – पुछ्चाकाया, मलयालम – तरबूशा, कन्नड़ – कल्लंगडी, बंगाली – तरमूज, ओड़िया – तरबूजा

तरबूज के पोषण तत्व

तरबूज में लगभग 92% पानी होता है, जिससे यह शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाने में सहायक होता है। इसमें विटामिन A, C, B6, पोटैशियम, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर को ऊर्जावान बनाए रखते हैं।

तरबूज के स्वास्थ्य लाभ

  1. शरीर को हाइड्रेट रखता है – गर्मियों में शरीर को पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है, और तरबूज इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  2. दिल को रखे स्वस्थ – इसमें मौजूद सिट्रुलिन नामक अमीनो एसिड रक्त प्रवाह को सुचारू रखने में सहायक होता है।
  3. त्वचा के लिए लाभदायक – तरबूज में विटामिन C और A होते हैं, जो त्वचा को निखारने और उसे हेल्दी बनाए रखने में मदद करते हैं।
  4. पाचन में सहायक – इसमें मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है और कब्ज की समस्या से बचाव करता है।
  5. वजन घटाने में मददगार – यह कम कैलोरी वाला फल है, जिससे वजन नियंत्रित करने में सहायता मिलती है।

कैसे करें सेवन?

  • तरबूज को ठंडा करके खाने से गर्मी से राहत मिलती है।
  • इसका जूस बनाकर पिया जा सकता है।
  • सलाद में शामिल कर इसे और अधिक पौष्टिक बनाया जा सकता है।

तरबूज के रंग और उनका महत्व

तरबूज न केवल स्वाद और पोषण से भरपूर होता है, बल्कि इसके रंग भी इसकी गुणवत्ता और स्वास्थ्य लाभ को दर्शाते हैं।

  1. बाहर का रंग (छिलका) – हरा और गहरा हरा धारीदार
    • तरबूज का बाहरी हिस्सा हरे रंग का होता है, जिस पर गहरे हरे रंग की धारियां होती हैं।
    • इसका छिलका जितना गहरा और चमकदार होता है, फल उतना ही ताजा और पका होता है।
  2. अंदर का रंग – लाल, गुलाबी और पीला
    • लाल और गुलाबी: यह सबसे आम प्रकार का तरबूज है, जिसमें लाल या गुलाबी गूदा होता है। इसमें लाइकोपीन नामक एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो हृदय स्वास्थ्य और त्वचा के लिए फायदेमंद होता है।
    • पीला या नारंगी: कुछ किस्मों में गूदा पीले या हल्के नारंगी रंग का होता है। यह स्वाद में अधिक मीठा और शहद जैसा होता है तथा इसमें बीटा-कैरोटीन अधिक पाया जाता है, जो आंखों और त्वचा के लिए अच्छा होता है।
  3. बीज का रंग – काला, सफेद और भूरे रंग का
    • काले बीज: पारंपरिक तरबूज में काले बीज पाए जाते हैं, जो प्रोटीन और आयरन से भरपूर होते हैं।
    • सफेद बीज: कुछ तरबूजों में सफेद या अधपके बीज होते हैं, जिन्हें आसानी से खाया जा सकता है।
    • बीजरहित तरबूज: नई किस्मों में बीजरहित तरबूज भी आते हैं, जिनमें छोटे सफेद अवशेष होते हैं।
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9वीं-10वीं शताब्दी में भारत लाया गया तरबूज

तरबूज की उत्पत्ति उत्तरी और पश्चिमी अफ्रीका में हुई थी। माना जाता है कि इसे व्यापार और यात्राओं के माध्यम से अरब व्यापारियों ने भारत में लाया। इतिहासकारों के अनुसार, तरबूज का उल्लेख प्राचीन भारतीय ग्रंथों और मुगलकालीन दस्तावेजों में भी मिलता है। मुगल शासकों को यह फल बहुत पसंद था और उन्होंने इसे भारत के कई हिस्सों में उगाने को बढ़ावा दिया।

भारत में तरबूज की खेती

आज भारत में तरबूज की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। मुख्य रूप से इसे गर्मी के मौसम में उगाया जाता है। भारत के जिन राज्यों में तरबूज की अधिक खेती होती है, वे हैं: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश,बिहार, पश्चिम बंगाल

    भारत में सबसे ज्यादा तरबूज नदियों के किनारे वाली उपजाऊ मिट्टी में उगाया जाता है, क्योंकि इसे गर्म जलवायु और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की जरूरत होती है।

    भारत में तरबूज की किस्में

    भारत में कई प्रकार के तरबूज उगाए जाते हैं, जैसे:

    • सुगंधित तरबूज (Arka Manik)
    • बीजरहित तरबूज
    • केसर तरबूज
    • नवजीवन तरबूज

    तरबूज भले ही मूल रूप से भारत का न हो, लेकिन यह अब भारतीय कृषि और खानपान का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। यह गर्मियों में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले फलों में से एक है, जो स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है।तरबूज के ये अलग-अलग रंग न केवल इसे आकर्षक बनाते हैं, बल्कि इसके पोषण गुणों को भी दर्शाते हैं। तो अगली बार जब आप तरबूज खरीदें, तो इसके रंगों पर ध्यान दें और ताजे और स्वादिष्ट फल का आनंद लें! तरबूज एक स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर फल है, जिसे गर्मियों में जरूर खाना चाहिए। यह न केवल शरीर को ठंडक पहुंचाता है, बल्कि सेहत को भी बेहतर बनाता है। तो इस गर्मी तरबूज को अपने आहार में शामिल करें और सेहतमंद रहें।

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