Isa Ahmad
यूपी सरकार की ओर से चलाए जा रहे “गड्ढा मुक्त सड़क” अभियान के बावजूद देवरिया जनपद में सड़कों की हालत बदतर होती जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ निर्देश दिए थे कि प्रदेश की सभी सड़कें पूरी तरह गड्ढामुक्त हों, लेकिन देवरिया का पीडब्ल्यूडी विभाग मुख्यमंत्री के आदेशों की खुलेआम अनदेखी करता नजर आ रहा है।
बरहज विधानसभा क्षेत्र के सोनूघाट–बरहज मार्ग की खस्ताहाल सड़क को लेकर उठी नाराज़गी अभी शांत भी नहीं हुई थी कि अब देवरिया सदर विधानसभा की सड़कें भी मौत का जाल बनकर सामने आ गई हैं। सदर क्षेत्र का बैकुंठपुर बाईपास मार्ग, जो प्रतिदिन हजारों वाहनों की आवाजाही का प्रमुख रास्ता है, पूरी तरह गड्ढों से पट चुका है। सड़क पर कहीं भी समतल डामर दिखाई नहीं देता सिर्फ गहरे गड्ढे, टूटी-फूटी सतह और उड़ती धूल ही नजर आती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क की वर्तमान स्थिति में वाहन चलाना एक जोखिम भरा काम बन गया है। यह मार्ग देवरिया को बिहार राज्य से जोड़ता है, इसलिए इस पर ट्रैफिक भी भारी रहता है, लेकिन बदहाल सड़कें वाहन चालकों के लिए सीधे तौर पर खतरा साबित हो रही हैं। कई वाहन चालक हादसों का शिकार भी हो चुके हैं, लेकिन मरम्मत की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
सीएम योगी द्वारा सड़क गुणवत्ता में सुधार और अधिकारियों को कड़े निरीक्षण के निर्देश देने के बावजूद देवरिया में पीडब्ल्यूडी अधिकारी और इंजीनियरों पर इसका कोई असर नजर नहीं आता। सड़क की दुर्दशा देखकर साफ प्रतीत हो रहा है कि विभाग के जिम्मेदार लोग अपनी भूमिकाओं को लेकर बिल्कुल लापरवाह हैं।
इलाके के जनप्रतिनिधि भी इस गंभीर मुद्दे से दूरी बनाए हुए हैं। जनता की परेशानी, बढ़ते हादसे और रास्ते की खराब हालत के बावजूद कोई भी जनप्रतिनिधि या अधिकारी इस मुद्दे पर कैमरे के सामने आने को तैयार नहीं है।
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि सड़क मरम्मत के नाम पर सिर्फ कागज़ी कार्रवाई की जा रही है, जबकि जमीन पर काम बिल्कुल नहीं दिख रहा।
कुल मिलाकर, देवरिया के बैकुंठपुर बाईपास मार्ग की यह बदहाली न केवल पीडब्ल्यूडी की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है बल्कि सरकारी आदेशों की अनदेखी को भी उजागर करती है। जनता में बढ़ता गुस्सा साफ संकेत दे रहा है कि यदि जल्द ही सड़क की मरम्मत नहीं हुई, तो यह मुद्दा एक बड़े जन आंदोलन का रूप ले सकता है।





