BY: Yoganand Shrivastva
राजा रघुवंशी हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इंदौर निवासी राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में अब मेघालय पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। शिलॉन्ग के एसपी विवेक सिएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बताया कि इस हत्याकांड की साजिश राजा की शादी से 11 दिन पहले ही रची गई थी।
पहले गुवाहाटी, फिर शिलॉन्ग में रचा गया कत्ल का जाल
शिलॉन्ग एसपी के अनुसार, आरोपी राज कुशवाहा और राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी ने फरवरी में ही योजना बना ली थी कि शादी के बाद हनीमून पर जाकर राजा की हत्या कर दी जाएगी। पहले योजना गुवाहाटी में हत्या करने की थी, लेकिन विफल रहने के बाद शिलॉन्ग को चुना गया।
हत्या की कोशिश तीन बार की गई, लेकिन सभी प्रयास असफल रहे। चौथी बार में, पार्किंग लॉट में उस वक्त हत्या की गई जब राजा टॉयलेट के लिए गया था।
बुर्का पहनकर पहचान छिपाने की कोशिश
हत्या के बाद सोनम ने खुद को पीड़ित दिखाने के लिए बुर्का पहना, जो पहले से ही साथी विशाल को दिया गया था। इस बुर्के के जरिए सोनम की पहचान छिपाने की कोशिश की गई, ताकि उसे किसी भी CCTV या चश्मदीद से बचाया जा सके।
राज कुशवाहा था मास्टरमाइंड, दोस्त भी शामिल
पुलिस जांच में सामने आया है कि राज कुशवाहा इस हत्या का मुख्य योजनाकार था और सोनम उसकी साथी थी। उनके साथ तीन और युवक इस साजिश में शामिल थे, जिनमें एक राज का चचेरा भाई भी है। सभी 19 मई को गुवाहाटी पहुंच गए थे।
18 मिनट में हत्या, शव खाई में फेंका
एसपी विवेक सिएम के मुताबिक, राजा की हत्या दोपहर 2 बजे से 2:18 बजे के बीच की गई। पार्किंग लॉट में जब वह अकेला था, तब तीनों ने उस पर हमला किया और शव को पास की खाई में फेंक दिया। सोनम घटनास्थल पर मौजूद थी। हत्या के बाद खून लगे कपड़े बदलने के लिए रेनकोट आकाश को दे दिया गया।
शिलॉन्ग से गाजीपुर तक की भागदौड़
हत्या के बाद सोनम ने टैक्सी से गुवाहाटी का रुख किया और वहां से सिलीगुड़ी की बस ली। फिर वह पटना, आरा, लखनऊ होते हुए इंदौर पहुंची, जहां 8 जून तक रही। जब मीडिया में हत्या की चर्चा बढ़ी तो राज ने उसे इंदौर छोड़कर सिलीगुड़ी भागने की सलाह दी। वहां उसे किडनैपिंग पीड़िता का नाटक करना था।
फोन कॉल से प्लान उजागर
जब सोनम इंदौर छोड़ने वाली थी, उसी वक्त यूपी और एमपी पुलिस की टीमें तैनात थीं। राज को जैसे ही भनक लगी कि पुलिस उनके किसी साथी से पूछताछ कर रही है, उसने सोनम से संपर्क कर कहा कि वह तुरंत अपने परिवार को फोन करके कहे कि उसे किसी ने अगवा किया और वह किसी तरह बच निकली।
कोई सुपारी नहीं, केवल साजिश
शिलॉन्ग पुलिस के मुताबिक, यह मामला सुपारी किलिंग का नहीं है। राज ने केवल ₹50,000 खर्चों के लिए दिए थे। अब तक की पूछताछ में आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है और पुलिस के पास पर्याप्त डिजिटल और फिजिकल सबूत मौजूद हैं।
पुलिस का कहना है कि वे जल्द ही 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल कर देंगे।