BY: Yoganand Shrivastva
भोपाल, – मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर छह महीने से चल रहा असमंजस अब दूर होने वाला है। जुलाई के पहले हफ्ते में पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष चुना जा सकता है। इसके लिए केंद्रीय चुनाव अधिकारी धर्मेंद्र प्रधान एक या दो जुलाई को भोपाल आ सकते हैं, हालांकि उनका दौरा फिलहाल अनौपचारिक है।
केन्द्रीय नेतृत्व जल्द जारी करेगा चुनाव कार्यक्रम
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, बीजेपी केंद्रीय संगठन आज या कल प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की तारीखों का आधिकारिक ऐलान कर सकता है। इस कार्यक्रम में नामांकन, छंटनी, नाम वापसी और अंतिम चयन से जुड़ी पूरी प्रक्रिया की जानकारी शामिल होगी।
दावेदारों में हलचल, चुनाव टलने के पीछे वजहें
चुनाव टलने का एक कारण संगठन के शीर्ष नेतृत्व की आपसी सहमति में देरी और हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के चलते बनी संवेदनशील स्थिति रही है। अब परिस्थितियाँ सामान्य होने के बाद चुनावी प्रक्रिया दोबारा गति पकड़ चुकी है।
हेमंत खंडेलवाल सबसे आगे
प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल सबसे मजबूत माने जा रहे हैं। उन्हें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ ही संघ का भी समर्थन प्राप्त है, जो उनकी उम्मीदवारी को और पुख्ता करता है।
ब्राह्मण चेहरे की तलाश में पार्टी, ये नाम हैं चर्चा में
यदि पार्टी दोबारा ब्राह्मण चेहरा चुनती है, तो प्रमुख नामों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, रामेश्वर शर्मा, आलोक शर्मा, और आशीष दुबे शामिल हैं। डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल भी पर्दे के पीछे से सक्रिय प्रयास कर रहे हैं।
दलित-आदिवासी को मिल सकती है कमान
ग्वालियर में अंबेडकर प्रतिमा विवाद के बाद से पार्टी दलित और आदिवासी वर्ग को साधने की कोशिश कर रही है। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष पद पर इन वर्गों से किसी चेहरे को मौका दिया जा सकता है।
आदिवासी वर्ग से संभावित नाम:
- गजेंद्र सिंह पटेल (खरगोन सांसद)
- फग्गन सिंह कुलस्ते (पूर्व केंद्रीय मंत्री)
- कुंवर सिंह टेकाम (विधायक)
- सुमेर सिंह सोलंकी (राज्यसभा सांसद)
एससी वर्ग से प्रमुख दावेदार:
- लाल सिंह आर्य (एससी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष)
- प्रदीप लारिया, हरिशंकर खटीक, महेन्द्र सिंह सोलंकी
ठाकुर नेताओं का दबदबा फिर लौट सकता है
बीजेपी के पुराने रुझानों पर गौर करें तो 2006 से 2020 तक ठाकुर समुदाय से प्रदेश अध्यक्ष बनने की परंपरा रही है। पार्टी को इन कार्यकालों में चुनावी लाभ भी मिला है। इस बार भी अरविंद भदौरिया और बृजेन्द्र प्रताप सिंह जैसे ठाकुर नेता रेस में बने हुए हैं।