स्थान: महासमुंद, छत्तीसगढ़
महासमुंद जिले में शनिवार को अब तक का सबसे तेज़ आंधी-तूफान देखा गया, जिसने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। करीब 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली तेज़ हवाओं ने जिले के कई हिस्सों में तबाही मचाई।
तूफान के चलते बड़े-बड़े टिन शेड उड़ गए, बिजली के खंभे उखड़कर धराशायी हो गए और कई विशालकाय पेड़ जड़ से उखड़कर सड़कों पर गिर पड़े। हालात इतने गंभीर हो गए कि महासमुंद, बागबाहरा और पिथौरा नगर के प्रमुख स्थानों पर आवागमन बाधित हो गया।
बाल-बाल बचे राहगीर
पिथौरा के बीचोंबीच बार चौक में एक विशाल पेड़ गिर पड़ा, उस वक्त वहां से गुजर रहे कई राहगीर बाल-बाल बच गए। स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए राहत कार्य शुरू किया और पुलिस को सूचना दी।
विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से ठप
तेज़ हवाओं से बिजली के खंभों के टूटने से पूरा इलाका अंधेरे में डूब गया है। विद्युत विभाग की टीमें हालात सामान्य करने के लिए मौके पर काम कर रही हैं, लेकिन नुकसान इतना व्यापक है कि बिजली बहाल होने में लंबा समय लग सकता है।
गरीबों की झोपड़ियां उजड़ीं
आंधी-तूफान ने सबसे अधिक नुकसान रोजमर्रा की जिंदगी जीने वाले गरीब तबके को पहुंचाया है। कई झोपड़ियां और अस्थायी दुकानें पूरी तरह से उजड़ गई हैं, जिससे प्रभावित लोगों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।
प्रशासन सतर्क, राहत कार्य जारी
जिला प्रशासन द्वारा प्रभावित इलाकों में राहत कार्य शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और जरूरी न हो तो घर से बाहर न निकलें।