BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली,भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ते तालमेल को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यदि ये तीनों देश अपने रणनीतिक हितों को लेकर एक-दूसरे के करीब आते हैं, तो यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।
CDS ने जताई सामरिक खतरे की आशंका
मंगलवार को एक थिंक टैंक के कार्यक्रम में बोलते हुए जनरल चौहान ने कहा कि इन देशों के बीच यदि रणनीतिक और सैन्य सहयोग गहराता है, तो इससे भारत की भू-राजनीतिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है। उन्होंने आगाह किया कि ये देश एक दूसरे के हितों को बढ़ावा देने के लिए आपसी तालमेल बढ़ा रहे हैं, और यही बात भारत के लिए भविष्य में सामरिक चुनौती बन सकती है।
दो परमाणु संपन्न देशों के बीच संघर्ष का उल्लेख
जनरल चौहान ने हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच 7 से 10 मई के बीच हुए सीमित सैन्य संघर्ष का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि यह दुर्लभ स्थिति थी, जब दो परमाणु ताकतों के बीच प्रत्यक्ष सैन्य टकराव हुआ। यह भविष्य में और गंभीर परिदृश्य का संकेत दे सकता है।
पाकिस्तान-चीन की बढ़ती सैन्य साझेदारी
सीडीएस चौहान ने खुलासा किया कि पाकिस्तान ने पिछले पांच वर्षों में 70-80% हथियार और सैन्य उपकरण चीन से खरीदे हैं। इसके अलावा, चीन की कई सैन्य कंपनियों का पाकिस्तान में वाणिज्यिक निवेश भी है, जो इस गठजोड़ को और मजबूत बना रहा है।
हिंद महासागर में भी बढ़ता खतरा
सीडीएस ने इस बात पर भी चिंता जताई कि हिंद महासागर क्षेत्र के कई देशों में चल रहे आर्थिक संकटों के चलते बाहरी शक्तियों को हस्तक्षेप और प्रभाव बढ़ाने का अवसर मिल रहा है। इससे भारत की रणनीतिक पकड़ कमजोर हो सकती है।
बांग्लादेश के रुख को लेकर सतर्कता जरूरी
जनरल चौहान ने बांग्लादेश का सीधा नाम लेते हुए कहा कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच यदि हितों की समानता बढ़ती है, तो यह भारत की सुरक्षा के लिए तिहरा खतरा बन सकता है। उन्होंने नीति निर्माताओं और सुरक्षा एजेंसियों को इस बदलते समीकरण पर सतर्क निगरानी बनाए रखने की सलाह दी।





