रिपोर्टर: रूपेश कुमार दास, हजारीबाग
हजारीबाग: जिले में जैसे ही मानसून की पहली बारिश हुई, शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल की तैयारियों की हकीकत सामने आ गई। तेज बारिश के कुछ ही घंटों में अस्पताल परिसर पूरी तरह जलमग्न हो गया, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को बेहद कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा।
अस्पताल परिसर में भरा पानी, मरीजों को आवाजाही में दिक्कत
बारिश के कारण ओपीडी के सामने पानी भर गया, जिससे मरीजों को अंदर-बाहर जाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। अस्पताल की फर्श पर फिसलन और हर ओर पानी का जमाव स्थिति को और गंभीर बना रहा। जहां इलाज होना था, वहां खुद असुरक्षित माहौल बन गया।
नाली व्यवस्था हुई फेल, प्रशासन लापता
बारिश के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि अस्पताल में जल निकासी की कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं है। नाली जाम होने से सारा पानी परिसर में जमा हो गया और मरीजों के लिए अस्पताल आना मानो जोखिम भरा हो गया। सबसे हैरानी की बात यह रही कि न तो नगर निगम और न ही अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई त्वरित कार्रवाई देखने को मिली।
“अस्पताल को ही चाहिए इलाज”: परिजन ने जताई नाराज़गी
एक मरीज के साथ आए परिजन ने नाराज़गी जताते हुए कहा,
“यहां तो खुद अस्पताल बीमार लगता है। मरीज का इलाज बाद में होगा, पहले तो यहां आने-जाने का रास्ता तो सुरक्षित बनाइए।”
ऐसे हालात में जरूरतमंद मरीजों का दर्द और बढ़ गया है, जिन्हें इलाज के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
एक सवाल जो प्रशासन से पूछा जाना चाहिए
अस्पताल जैसे महत्वपूर्ण स्थान पर बुनियादी व्यवस्थाओं की कमी केवल अव्यवस्था को नहीं, बल्कि प्रशासन की उदासीनता को भी उजागर करती है। सवाल यह है कि जब सिर्फ पहली बारिश में ही यह हाल है, तो आने वाले दिनों में स्थिति कितनी भयावह हो सकती है?
स्वास्थ्य नहीं, संकट का केंद्र बनता अस्पताल
शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल का यह हाल न सिर्फ चिंता का विषय है, बल्कि एक जागृति की पुकार भी है। जहां मरीजों को राहत और इलाज मिलना चाहिए, वहां जलजमाव और अव्यवस्था ने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन इस समस्या से निपटने के लिए क्या कदम उठाते हैं या फिर इसे भी आम बारिश की तरह नजरअंदाज कर दिया जाएगा।