by: vijay nandan
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच आरजेडी नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के बयान ने सियासी माहौल गर्मा दिया है। तेजस्वी ने एक जनसभा में कहा था कि अगर उनकी सरकार बनी, तो वे वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंक देंगे। इस बयान पर अब कल्कि धाम के पीठाधीश्वर और पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कड़ा पलटवार किया है।

प्रमोद कृष्णम ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश के हापुड़ में आयोजित खड़खड़ी महोत्सव के कवि सम्मेलन में शामिल हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने तेजस्वी यादव की टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि “अगर तेजस्वी सत्ता में आए, तो शायद शरिया लागू कर देंगे। मुख्यमंत्री बनाना जनता का काम होता है, उम्मीदवार तय करना पार्टियों का। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “दिल बहलाने के लिए ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है। तेजस्वी भूल गए हैं कि मुख्यमंत्री जनता बनाती है, पार्टियां नहीं। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा कि तेजस्वी यादव का यह बयान देश की संवैधानिक भावना के खिलाफ है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकारें जनता के भरोसे से बनती हैं, तो धर्म आधारित कानूनों की बात क्यों की जा रही है।

उन्होंने कहा कि “तेजस्वी यादव को याद रखना चाहिए कि सत्ता में आने से पहले ही इस तरह के बयान देना लोकतंत्र की मर्यादा के अनुरूप नहीं है।
बीजेपी प्रवक्ता अजय आलोक ने तेजस्वी पर डायरेक्टर पलटवार नहीं किया, उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोला
#WATCH | Patna, Bihar: BJP national spokesperson Ajay Alok says, "They have changed the Constitution many times. The Constitution has been changed 90 times under Congress's rule… If they had their way, they would change the Constitution and turn it into an Islamic nation. This… pic.twitter.com/xMhcjtQms4
— ANI (@ANI) October 27, 2025
डी राजा बोले महागठबंधन बनाएगा सरकार, वहीं इस विवाद के बीच भाकपा के महासचिव डी. राजा ने दावा किया है कि महागठबंधन बिहार में सत्ता में आने जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनता अब बीजेपी और जेडीयू से ऊब चुकी है और विपक्ष के पक्ष में माहौल बन चुका है। डी. राजा के मुताबिक बिहार का यह चुनाव देश की राजनीति की दिशा तय करेगा। बीजेपी घबराए हुई क्योंकि जनता बदलाव चाहती है। महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, भाकपा, माकपा, भाकपा (माले) और अन्य दल शामिल हैं।
तेजस्वी यादव के वक्फ कानून वाले बयान ने बिहार चुनाव के बीच एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। आचार्य प्रमोद कृष्णम की प्रतिक्रिया के बाद अब यह मुद्दा और गरमाने की संभावना है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस बयान का असर अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक दोनों समुदायों के वोट पर पड़ सकता है।





