टाटा मोटर्स Q4 रिजल्ट्स: मुख्य बिंदु
- मुनाफे में भारी गिरावट: कंपनी का शुद्ध लाभ 51.34% घटकर ₹8,470 करोड़ रहा।
- रेवेन्यू में मामूली बढ़त: ₹1,19,502 करोड़ के साथ सालाना वृद्धि सिर्फ 0.4%।
- EBITDA मार्जिन दबाव में: 14% पर पहुंचा, जो पिछले साल से 60 बेसिस पॉइंट कम।
- डिविडेंड की घोषणा: शेयरधारकों को ₹6 प्रति शेयर का फाइनल डिविडेंड देने का प्रस्ताव।
क्या हुआ टाटा मोटर्स के साथ?
टाटा मोटर्स ने चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं, और ये कंपनी के लिए मिश्रित रहे हैं। एक तरफ जहां रेवेन्यू में मामूली बढ़त दर्ज की गई, वहीं मुनाफे में भारी गिरावट देखने को मिली।
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मुख्य आंकड़े:
- शुद्ध लाभ: ₹8,470 करोड़ (पिछले साल इसी तिमाही में ₹17,407 करोड़ था)।
- रेवेन्यू: ₹1,19,502 करोड़ (0.4% की वृद्धि)।
- EBITDA: ₹16,700 करोड़ (4.1% की गिरावट)।
क्यों गिरा मुनाफा?
टाटा मोटर्स के मुनाफे में गिरावट के पीछे कई कारण हैं:
- जगुआर लैंड रोवर (JLR) पर दबाव: JLR के मार्जिन कम हुए क्योंकि कंपनी को ग्राहकों को ज्यादा डिस्काउंट देना पड़ा।
- कच्चे माल की महंगाई: इनपुट कॉस्ट बढ़ने से प्रॉफिटेबिलिटी प्रभावित हुई।
- टैरिफ युद्ध का असर: कंपनी ने कहा कि वैश्विक टैरिफ नीतियों और जियोपॉलिटिकल अनिश्चितता ने माहौल को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
कंपनी का आउटलुक
टाटा मोटर्स ने आगे के लिए सतर्क रुख अपनाया है। कंपनी का कहना है कि:
- लग्जरी सेगमेंट और भारतीय बाजार में उम्मीदें बेहतर।
- कॉस्ट कंट्रोल और कैशफ्लो पर फोकस जारी रहेगा।
- EV और CNG वाहनों पर जोर बढ़ेगा।
शेयर बाजार पर क्या असर हुआ?
रिजल्ट से पहले ही टाटा मोटर्स के शेयर दबाव में आ गए थे। निवेशकों को आशंका थी कि JLR का प्रदर्शन कमजोर रह सकता है, जो कंपनी के लिए एक बड़ा राजस्व स्रोत है।
अंतिम शब्द
टाटा मोटर्स के लिए यह तिमाही आसान नहीं रही, लेकिन कंपनी का भरोसा है कि वह अपनी मजबूत बिजनेस स्ट्रैटेजी के दम पर इन चुनौतियों से पार पा लेगी। अगले कुछ महीनों में EV और CNG वाहनों की डिमांड बढ़ने से कंपनी को राहत मिल सकती है।