साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को लगने जा रहा है। यह खगोलीय घटना न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी इसका विशेष महत्व है। इस लेख में हम जानेंगे कि यह सूर्य ग्रहण कितने बजे शुरू होगा, इसका सूतक काल कब से कब तक रहेगा, किन राशियों पर इसका असर पड़ेगा और इस दौरान किन सावधानियों का पालन करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण 2025 का समय
साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात को शुरू होगा।
- शुरुआत: रात 10:59 बजे
- मध्यकाल: रात 1:11 बजे
- समाप्ति: 22 सितंबर की सुबह 3:23 बजे
इस प्रकार, इस आंशिक सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 24 मिनट की होगी। ध्यान दें कि भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा, क्योंकि यह रात के समय होगा।
ग्रहण का राशियों और नक्षत्रों में स्थिति
- सूर्य: कन्या राशि
- नक्षत्र: उत्तराफाल्गुनी
- विशेष दिन: सर्वपितृ अमावस्या
ज्योतिषियों के अनुसार, यह दुर्लभ संयोग करीब 122 साल बाद बन रहा है। पिछला ऐसा संयोग 1903 में हुआ था।
सूतक काल और सावधानियां
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू होता है और ग्रहण समाप्त होने पर खत्म होता है।
- 21 सितंबर को लगने वाला ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा।
- धार्मिक दृष्टिकोण से, ग्रहण के दौरान कुछ सावधानियां बरतना शुभ माना जाता है।
सावधानियां:
- भोजन ग्रहण के दौरान नहीं करें
- बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान दें
- मंदिर और पूजा स्थल को कपड़े से ढक दें
- नए शुभ कार्य या काम की शुरुआत न करें
सूर्य ग्रहण का दान और मंत्र
ग्रहण के दौरान धार्मिक उपाय और दान करना शुभ माना जाता है।
- दान के लिए: गेहूं, गुड़, चावल, लाल रंग के वस्त्र, स्वर्ण आदि
- शुभ मंत्रों का जप:
- महामृत्युंजय मंत्र
- गायत्री मंत्र
- सूर्य मंत्र
- शिव मंत्र
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन मंत्रों और दान से ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
सूर्य ग्रहण 2025 का वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिक दृष्टिकोण:
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पूरी तरह नहीं पहुंच पाता।
धार्मिक दृष्टिकोण:
- राहु और केतु सूर्य को अपना ग्रास बना लेते हैं
- ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है
- शुभ कार्य और पूजा पाठ इस समय वर्जित माने जाते हैं
पौराणिक कथा:
समुद्र मंथन के दौरान दैत्य स्वरभानु अमृत ग्रहण कर अमर हो गया। विष्णु जी ने उसे दो हिस्सों में बाँट दिया – सिर राहु और धड़ केतु। तभी से सूर्य और चंद्र ग्रहण को राहु-केतु से जोड़ा जाता है।
सूर्य ग्रहण का राशियों पर प्रभाव

- मेष, सिंह, धनु: मानसिक और शारीरिक परेशानियां
- वृषभ, कर्क, वृश्चिक, मकर: स्वास्थ्य पर असर
- कन्या, मिथुन,तुला: ऊर्जा में कमी, स्वास्थ्य पर ध्यान दें
- मीन, कुंभ, मकर: जीवनसाथी, आयु और भाग्य पर प्रभाव
- उपाय: मंत्रों का जप, दान और धार्मिक उपाय से प्रभाव कम किया जा सकता है
सूर्य ग्रहण कहां दिखाई देगा
21 सितंबर का सूर्य ग्रहण न्यूजीलैंड, टोंगा, फिजी, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत तथा अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।
साल 2025 का यह अंतिम सूर्य ग्रहण न केवल खगोलीय दृष्टि से अद्भुत है, बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व भी रखता है। सही समय पर सावधानी और उपाय करने से आप इसके नकारात्मक प्रभावों से बच सकते हैं और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं।





