छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में प्रशासन की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। जिला मुख्यालय के मध्य स्थित प्री-मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास बारिश के चलते अस्थायी तालाब में तब्दील हो चुका है। छात्रावास में रहने वाले बच्चे नरकीय हालात में रहने को मजबूर हैं।
Contents
चारों ओर पानी, छात्र परेशान
- भारी बारिश के चलते छात्रावास परिसर में घुटनों तक पानी भर गया है।
- सबसे चिंताजनक बात यह है कि पानी छात्रावास के कमरों तक घुस चुका है, जिससे बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
- गंदा और दूषित पानी कमरे और शौचालयों तक पहुंच चुका है, जिससे बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।
छत से टपक रहा पानी, दीवारें सीलन से भरी
- बारिश के समय छात्रावास की छत से भी लगातार पानी टपकता है, जिससे बच्चों को अंदर भी राहत नहीं मिल रही।
- पुरानी और जर्जर इमारत अब छात्रों के लिए खतरे का संकेत बन चुकी है।
कई बार की गई शिकायतें, लेकिन नहीं हुई कोई कार्रवाई
- छात्रों और वार्डन द्वारा प्रशासन को कई बार स्थिति से अवगत कराया गया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
- यह स्थिति प्रशासनिक बेहाली और लापरवाही का जीवंत उदाहरण बन चुकी है।
सवालों के घेरे में प्रशासन
- जिला मुख्यालय के बिल्कुल बीचोंबीच स्थित इस छात्रावास की स्थिति देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि दूरदराज के क्षेत्रों में स्थित सरकारी संस्थान किस हाल में होंगे।
- सवाल उठता है कि आखिर छात्रों के भविष्य की चिंता करने वाला कोई नहीं है क्या?