BY: Yoganand Shrivastva
संभल/प्रयागराज, – समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क को 1.91 करोड़ रुपये के बिजली बकाया मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से अंतरिम राहत मिली है। अदालत ने आदेश दिया है कि अगर सांसद 6 लाख रुपये जमा कर देते हैं, तो उनका बिजली कनेक्शन तुरंत जोड़ा जाए। साथ ही कोर्ट ने बिजली विभाग को तीन सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने का समय भी दिया है।
हाईकोर्ट ने बिजली विभाग से मांगा जवाब
न्यायमूर्ति एस.डी. सिंह और न्यायमूर्ति संदीप जैन की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है। यह आदेश सांसद बर्क की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद पारित किया गया। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 2 जुलाई 2025 तय की है और उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अधिवक्ता को आवश्यक दस्तावेजों के साथ अदालत में प्रस्तुत होने को कहा है।
सांसद के वकील की दलील: नियमों का उल्लंघन
बर्क की ओर से पेश वकील विधान चंद्र राय ने अदालत को बताया कि बिजली विभाग ने उनके मुवक्किल पर 4,138 दिन पुरानी बिजली खपत का असेसमेंट थोप दिया है, जो नियमों के विरुद्ध है। कानूनी प्रावधानों के अनुसार विभाग केवल 335 दिनों तक का ही असेसमेंट कर सकता है। अधिवक्ता का कहना है कि कार्यकारी अभियंता द्वारा पारित आदेश पूरी तरह से नियमों का उल्लंघन है।
दिसंबर 2024 में कटा था कनेक्शन
गौरतलब है कि 19 दिसंबर 2024 को सांसद बर्क के आवास का बिजली कनेक्शन काटा गया था। उस सुबह करीब 7:30 बजे बिजली विभाग के एसडीओ संतोष त्रिपाठी और टीम ने उनके निवास दीपा सराय में छापा मारा था। जांच के दौरान पता चला कि परिसर में दो-दो किलोवाट के दो कनेक्शन थे—एक सांसद के नाम और दूसरा उनके दादा के नाम पर।
बिजली चोरी का आरोप और FIR
छानबीन में सामने आया कि पिछले 6 महीनों से यूनिट खपत ‘0’ दिखाई दे रही थी, जबकि वास्तविकता में परिसर में 16 किलोवॉट तक की खपत हो रही थी। जांच में मीटर से छेड़छाड़ की बात सामने आई। एमआरआई रिपोर्ट (Meter Reading Instrument) के आधार पर बिजली चोरी की पुष्टि हुई, जिसके बाद विभाग ने सांसद पर एफआईआर दर्ज कराई थी।