रिपोर्ट: फरहान खान, आगरा
तमिलनाडु के वरिष्ठ समाजसेवी और रिटायर्ड सरकारी अधिकारी कल्याण सुंदरम की चलती ट्रेन में मौत हो गई। वे दिल्ली से चेन्नई लौट रहे थे, लेकिन आगरा कैंट स्टेशन पहुंचने से पहले ही उनकी सांसें थम गईं। कल्याण सुंदरम पद्मश्री सम्मान की उम्मीद में दिल्ली आए थे, लेकिन किस्मत ने उनका सफर अधूरा छोड़ दिया।
जानकारी के मुताबिक, 83 वर्षीय सुंदरम तमिलनाडु एक्सप्रेस से अपने तीन साथियों के साथ चेन्नई लौट रहे थे। दिल्ली स्टेशन पर ट्रेन में चढ़ते वक्त उनका पैर फिसल गया और गिरने के कारण उनकी हालत बिगड़ने लगी। पहले से ही शुगर और अन्य उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित सुंदरम को गिरने के बाद लगातार बेचैनी महसूस होती रही।

उनके साथ यात्रा कर रहे साथी यात्रियों ने टीटीई से डॉक्टर बुलाने की मांग की, लेकिन चलती ट्रेन में आवश्यक मेडिकल सुविधा उपलब्ध न हो सकी। ट्रेन जैसे ही आगरा कैंट स्टेशन पर पहुंची, तुरंत डॉक्टर को बुलाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मौके पर पहुंची जीआरपी और आरपीएफ पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और घटना की जांच शुरू कर दी है। जीआरपी आगरा के सीओ नजमुल हुसैन नकवी ने बताया कि मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है और साथियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
मृतक के साथी श्रीनिवासन ने बताया कि
“सुंदरम जी पद्मश्री सम्मान के लिए केंद्रीय मंत्री डॉ. एल. मुरुगन से मिलने दिल्ली आए थे, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। उन्होंने पहले ही तमिलनाडु सरकार से ‘कलइमामणि अवार्ड’ प्राप्त किया था और अब वह देश के नागरिक सम्मान की दिशा में प्रयासरत थे।”
एक नेक यात्रा का दुखद अंत
कल्याण सुंदरम के निधन ने उनके चाहने वालों और समाजसेवा से जुड़े लोगों को गहरे शोक में डाल दिया है। उनकी ज़िंदगी समाज को समर्पित रही, लेकिन अंतिम सफर में उन्हें वैसी व्यवस्था नहीं मिल सकी, जिसकी जरूरत उन्हें थी।