रिपोर्टर: भूपेंद्र ठाकुर
भोले बाबा को बस एक लोटा जल, सारी समस्याओं का हल! जी हाँ, कुनकुरी के मयाली में स्थित प्रसिद्ध मधेश्वर पहाड़, जहां विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग की मान्यता प्राप्त है, वहाँ शिव महापुराण कथा का आयोजन हो रहा है। इस कथा में प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा अपनी संगीतमय वाणी में श्रद्धालुओं को शिवभक्ति का मार्ग दिखा रहे हैं। भक्तगण भक्ति में झूमते हुए बाबा का गुणगान कर रहे हैं।
शिव महापुराण कथा का विशेष संदेश: पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचनों में श्रद्धालुओं को आध्यात्मिकता और संयम का पाठ पढ़ाया। उन्होंने मांसाहार और तामसिक भोजन से दूर रहने की सलाह दी और कहा कि शिव की भक्ति से जीवन में सुख-शांति प्राप्त की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि भोजन करते समय अपना पानी स्वयं रखने से तीन प्रमुख बीमारियों से बचा जा सकता है—घुटनों का दर्द, रीढ़ की हड्डी का दर्द और सिरदर्द। शरीर को सही मात्रा में पानी देना आवश्यक है, जिससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
नंदी की महत्ता और शिवभक्ति का प्रभाव: पंडित मिश्रा ने अपने प्रवचन में बताया कि कैलाश पर्वत पर नंदी महादेव के प्रिय क्यों हैं और उनकी महत्ता क्या है। उन्होंने श्रद्धालुओं को यह भी बताया कि यदि कोई कार्य लंबे समय से सफल नहीं हो पा रहा है, तो शिव की भक्ति करने से सभी बाधाएँ दूर हो सकती हैं। इसके साथ ही, उन्होंने अहंकार से दूर रहने और अपने भीतर के नकारात्मक विकारों को समाप्त करने का संदेश दिया।
श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब: इस शिव महापुराण कथा को सुनने के लिए केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों से भी हजारों भक्त यहाँ पहुँचे हैं। 27 मार्च तक चलने वाली इस कथा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय सहित उनके परिवार के अन्य सदस्य भी पहुंचे और कथा का श्रवण किया। भोलेनाथ की इस भव्य कथा में श्रद्धालु शिवमय होकर भक्ति में लीन नजर आ रहे हैं।
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