रिपोर्टर: आकाश कसेरा
छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा गर्मा गई है। प्रदेश के पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने मौजूदा व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग को मुख्यमंत्री के पास न रखकर किसी योग्य मंत्री को सौंपा जाना चाहिए था।
स्कूल शिक्षा विभाग बहुत बड़ा, काम भी व्यापक – टेकाम
प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा:
“स्कूल शिक्षा विभाग बहुत बड़ा विभाग है, जिसमें हजारों कर्मचारी काम करते हैं। इसमें हर दिन कोई न कोई महत्त्वपूर्ण कार्य होता है। इस विभाग की जिम्मेदारी बहुत संवेदनशील होती है क्योंकि यह प्रदेश के बच्चों और भविष्य से जुड़ा है।”
मुख्यमंत्री व्यस्त, शिक्षा विभाग को चाहिए अलग नेतृत्व
टेकाम ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के पास पहले से ही अनेक जिम्मेदारियां होती हैं और उनका समय बेहद सीमित होता है। उन्होंने कहा –
“मुख्यमंत्री को शिक्षा विभाग को अपने पास रखने के बजाय इसे किसी मंत्री को देना चाहिए था, ताकि वह विभाग पर पूरा ध्यान दे सके और गुणवत्ता से काम कर सके।”
छत्तीसगढ़ के भविष्य का सवाल है – टेकाम
टेकाम ने यह भी कहा कि शिक्षा विभाग किसी मंत्री के अधीन रहेगा तो बच्चों की शिक्षा और स्कूलों के स्तर में सुधार आएगा। उन्होंने इसे छत्तीसगढ़ के भविष्य का सवाल बताया और कहा कि यदि विभाग पर पूरा ध्यान नहीं दिया गया तो इसका असर बच्चों की पढ़ाई और राज्य की शिक्षा प्रणाली पर पड़ेगा।
राजनीतिक हलकों में हलचल तेज
टेकाम के इस बयान को मंत्रिमंडल में संभावित बदलावों से जोड़कर देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सरकार पर अब विभागों के बंटवारे और जिम्मेदारियों को लेकर दबाव बढ़ सकता है।