BY:Vijay Nandan
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में एक बड़ा निर्णय लिया गया है। इसमें रेपो रेट में 0.25% की कटौती की गई है, जिससे अब यह घटकर 6% रह गया है। इस फैसले से आम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है क्योंकि होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की मासिक किस्तें (EMI) कम हो सकती हैं।
अगर आपका लोन 50 लाख रुपये का है, तो कितना फर्क पड़ेगा?
मान लीजिए आपने 20 साल के लिए 50 लाख रुपये का होम लोन लिया हुआ है। मौजूदा समय में यदि बैंक 8.25% सालाना ब्याज दर वसूल रहा है, तो आपकी हर महीने की EMI लगभग 42,603 रुपये बनती है।
अब, रेपो रेट में 0.25% की कटौती के बाद ब्याज दर घटकर 8% हो सकती है। ऐसे में आपकी मासिक किस्त घटकर करीब 41,822 रुपये रह जाएगी। यानी हर महीने आपकी जेब से 781 रुपये कम जाएंगे।

राहत तुरंत नहीं मिलेगी
हालांकि, इसका फायदा आपको तुरंत नहीं मिलेगा। यह पूरी तरह उस बैंक पर निर्भर करेगा, जिससे आपने लोन लिया है। बैंक यह तय करेगा कि नई ब्याज दर कब से आपके लोन पर लागू होगी और EMI कब से कम होगी।
क्यों अहम है रेपो रेट में बदलाव?
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI, बैंकों को कर्ज देता है। जब RBI इस दर में कटौती करता है, तो बैंकों के लिए उधारी सस्ती हो जाती है। बैंक इस सस्ते कर्ज का फायदा उपभोक्ताओं को सस्ती ब्याज दरों के रूप में देते हैं।
इसलिए, रेपो रेट में कमी का सीधा असर लोन की EMI पर पड़ता है। इससे होम लोन और अन्य कर्ज सस्ते हो जाते हैं, जिससे लोगों की मासिक आर्थिक ज़िम्मेदारी कुछ हद तक कम होती है।





