BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली – भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में स्थित आतंकी ठिकानों पर किए गए सफल हमले में जैश-ए-मोहम्मद के बड़े आतंकी और मसूद अजहर के भाई रऊफ अजहर को मार गिराया गया है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार यह वही शख्स है जिसने 1999 के कंधार IC-814 हाइजैक की साजिश रची थी और वह लंबे समय से भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों में शामिल था।
कौन था रऊफ अजहर?
रऊफ अजहर, जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर का छोटा भाई था। उसका जन्म 1975 में हुआ और युवावस्था से ही कट्टरपंथी विचारधारा में सक्रिय हो गया। 24 वर्ष की उम्र में ही उसने IC-814 विमान अपहरण जैसी साजिश को अंजाम देने में भूमिका निभाई थी। जैश संगठन के भीतर रऊफ की स्थिति बहुत प्रभावशाली थी—मसूद अजहर के अस्वस्थ रहने की स्थिति में संगठन की रणनीति और आतंकी गतिविधियों की बागडोर उसी के हाथों में थी।
IC-814 हाइजैक: एक घातक साजिश
24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से दिल्ली जा रही भारतीय एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 का अपहरण कर लिया गया था। आतंकियों ने विमान को अफगानिस्तान के कंधार ले जाकर भारत सरकार को मसूद अजहर, उमर शेख और मुश्ताक जरगर जैसे खतरनाक आतंकियों की रिहाई के लिए मजबूर कर दिया। इस पूरे ऑपरेशन की योजना रऊफ अजहर ने बनाई और क्रियान्वयन में वह सक्रिय रूप से शामिल रहा।
आतंकी हमलों में भूमिका
रऊफ अजहर ने केवल कंधार अपहरण ही नहीं, बल्कि कई घातक हमलों को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई:
- 2001 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा और संसद पर हुए आत्मघाती हमलों का मास्टरप्लानर।
- 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमले में संलिप्तता।
- 2019 के पुलवामा आत्मघाती हमले की साजिश में भी उसकी प्रमुख भूमिका थी।
- इसके अलावा, वह कई अन्य सीमापार आतंकी गतिविधियों और भर्ती अभियानों में भी शामिल था।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निगरानी में था
रऊफ अजहर के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था और वह अमेरिका व संयुक्त राष्ट्र की वॉन्टेड सूची में शामिल था। बावजूद इसके, वह वर्षों तक पाकिस्तान में खुलेआम गतिविधियाँ चलाता रहा। भारत और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए वह लंबे समय से चिंता का कारण बना हुआ था।
भारत ने लिया बदला
भारत के खिलाफ लगातार साजिशों को अंजाम देने वाले इस खतरनाक आतंकी को आखिरकार ऑपरेशन सिंदूर में ढेर कर दिया गया। सेना द्वारा 6-7 मई की रात को चलाए गए इस गुप्त ऑपरेशन में पाकिस्तान व पीओके के नौ आतंकी अड्डों को निशाना बनाया गया, जहां रऊफ अजहर की मौजूदगी की पुष्टि खुफिया एजेंसियों ने की थी।