राजगढ़ जिले के सारंगपुर के सुल्तानिया गांव में एक पालतू कुत्ते की मौत के बाद उसके मालिक ने जो किया, वह पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। पालतू जानवर के प्रति प्रेम और समर्पण की यह घटना इंसानी रिश्तों से भी गहरी नजर आई। युवक ने अपने कुत्ते की बीमार होने पर भोपाल तक ले जाकर उसका इलाज कराया और मृत्यु के बाद विधिवत अंतिम संस्कार से लेकर तेरहवीं तक की पूरी प्रक्रिया संपन्न की।
सारंगपुर के सुल्तानिया गांव में जीवन नागर का पालतू कुत्ता बीमार हुआ तो पहले सारंगपुर पर फिर इलाज के लिए कार से भोपाल लेकर गए जहां पशु चिकित्सालय में इलाज कराया। इलाज के दौरान कुत्ते की मौत के गांव में लाकर दफनाया गया और उज्जैन में शिप्रा किनारे दशाकर्म किया गया। वहीं सोमवार को विधिवत तेरहवीं करवाई गयी जिसके मृत्युभोज में करीब 1000 लोगों ने भोजन किया। उन्होंने जर्मन शेफर्ड प्रजाति का यह कुत्ता साल 2018 में भोपाल से खरीदा था। बीते 10 जनवरी को ठंड के कारण बीमार हुआ और प्लेटलेट घट गए।
इलाज के लिए भोपाल ले गए कुत्ते
जीवन नागर ने बताया की उनका पालतू कुत्ता कुछ दिनों से बीमार था। उसकी देखभाल के लिए युवक ने हर संभव प्रयास किया। जब स्थानीय स्तर पर इलाज से कुत्ते की तबीयत में सुधार नहीं हुआ, तो उसने कार में कुत्ते को भोपाल ले जाकर वहां के पशु चिकित्सालय में इलाज कराया। लेकिन, कुत्ते की हालत बिगड़ती चली गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
गांव में दफनाया और उज्जैन में किया दशाकर्म
कुत्ते की मौत के बाद युवक ने उसे अपने गांव लाकर पूरे सम्मान के साथ दफनाया। लेकिन, यह यहीं खत्म नहीं हुआ। कुत्ते के प्रति गहरे लगाव और श्रद्धा के चलते युवक ने धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे दशाकर्म किया। दशाकर्म के साथ ही हिंदू परंपरा अनुसार शांति के मुंडन करवाकर परम्परा निभाई।
तेरहवीं में जुटे हजारों लोग
सोमवार को युवक ने अपने पालतू कुत्ते की तेरहवीं का आयोजन किया। इस मौके पर गांव और आसपास के इलाकों से लगभग 1000 लोगों ने भाग लिया। मृत्युभोज में सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी। आयोजन में शामिल होने वाले लोगों ने युवक के इस कदम की सराहना की और इसे पालतू जानवरों के प्रति प्यार और जिम्मेदारी का अद्भुत उदाहरण बताया।
इस दौरान ग्रामीणों के साथ पटेल विजयसिंह नागर,कमल सेठ, ओम बरवाल,जगदीश धाकड़,उप सरपंच देव नारायण नागर,भंवरलाल भंडारी,पूर्व जनपद सदस्य होकम नागर ,बद्रीलाल भंडारी ,दुर्गा प्रसाद नागर, सहित कई लोगों ने रोमी को श्रद्धांजलि दी।
गांव में चर्चा का विषय
यह घटना न केवल सुल्तानिया गांव बल्कि पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है। कुछ लोगों ने इसे अतिशयोक्ति माना, तो कुछ ने युवक के इस प्रेम को आदर्श बताया। कुत्ते की मौत के बाद किए गए इस तरह के आयोजन ने कई सवाल भी खड़े किए हैं। हालांकि, युवक का कहना है कि उसके लिए उसका कुत्ता सिर्फ एक जानवर नहीं, बल्कि परिवार का सदस्य था।
पालतू जानवरों के प्रति बढ़ता लगाव
यह घटना पालतू जानवरों के प्रति बढ़ते लगाव और उनके साथ भावनात्मक जुड़ाव को दिखाती है। आज के समय में लोग पालतू जानवरों को सिर्फ साथी ही नहीं, बल्कि परिवार का अहम हिस्सा मानने लगे हैं। ऐसे आयोजनों से यह भी संदेश मिलता है कि जानवरों के प्रति संवेदनशीलता और प्रेम का स्तर समाज में बढ़ रहा है।
समाज में बना मिसाल
इस घटना ने समाज में एक नई मिसाल पेश की है। युवक के इस कदम ने यह साबित कर दिया कि जानवरों के साथ रिश्ते भी उतने ही खास और महत्वपूर्ण हो सकते हैं जितने इंसानों के साथ। कुत्ते के लिए तेरहवीं और मृत्युभोज का आयोजन कर युवक ने अपने पालतू के प्रति अपने अटूट प्रेम को व्यक्त किया।