by: vijay nandan
रायपुर: छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। विशेष अदालत ने चैतन्य बघेल की न्यायिक रिमांड को आगामी 29 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है। इस फैसले के बाद यह तय हो गया है कि चैतन्य बघेल को इस वर्ष की दिवाली जेल में ही मनानी पड़ेगी। चैतन्य बघेल पहले से ही शराब घोटाला मामले में जेल में बंद हैं। उन्हें आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने प्रोडक्शन वारंट लेकर गिरफ्तार किया था। अब न्यायिक रिमांड बढ़ाए जाने के बाद चैतन्य बघेल 29 अक्टूबर तक जेल में रहेंगे, जिससे उनकी तत्काल रिहाई की उम्मीदें खत्म हो गई हैं। EOW इस मामले में लगातार जांच कर रही है और कई बड़े लोगों से पूछताछ की जा चुकी है।

पूरा मामला क्या है?
यह कथित घोटाला 2019 से 2022 के बीच (तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल) में हुआ बताया जाता है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) के अनुसार, यह घोटाला एक सिंडिकेट द्वारा किया गया, जिसने राज्य में अवैध शराब बिक्री और आधिकारिक शराब की बिक्री पर कमीशन वसूला।
घोटाले में मुख्य रूप से निम्न तरीकों का उपयोग किया गया:
नकली होलोग्राम और बोतलें: बिना टैक्स चुकाए अवैध शराब की बिक्री करना।
कमीशनखोरी: आबकारी नीति में बदलाव करके सिंडिकेट के पक्ष में माहौल बनाया गया और प्रति केस शराब पर कमीशन वसूला गया।
धन शोधन (Money Laundering): अवैध तरीके से कमाए गए पैसों को रियल एस्टेट और अन्य व्यवसायों के माध्यम से वैध बनाने का प्रयास किया गया।
कितने करोड़ का घोटाला?
जांच एजेंसियों के मुताबिक, यह छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े आर्थिक घोटालों में से एक है।
ED के दावों के अनुसार: शुरुआती जांच में यह घोटाला करीब 2,000 करोड़ रुपये का बताया गया था। बाद की रिपोर्ट्स और ED की चार्जशीट में यह आंकड़ा 3,200 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
चैतन्य बघेल पर आरोप: जांच एजेंसियों के अनुसार, चैतन्य बघेल पर इस अवैध कमाई (करीब ₹1000 करोड़) को चैनलाइज़ करने और रियल एस्टेट डील्स में लगाने का आरोप है।
मुकदमा कब दर्ज हुआ?
EOW/ACB द्वारा एफआईआर: छत्तीसगढ़ पुलिस के आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने इस मामले में पहली प्राथमिकी जनवरी 2024 में दर्ज की थी। इस FIR में पूर्व आबकारी मंत्री और कई अन्य अधिकारियों समेत करीब 70 लोगों को नामजद किया गया था।
ED द्वारा मामला: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस घोटाले से जुड़े धन शोधन (PMLA) के तहत पहले ही जांच शुरू कर दी थी।

चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी कब हुई?
ED द्वारा गिरफ्तारी: चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सबसे पहले 18 जुलाई 2025 को दुर्ग जिले के भिलाई स्थित उनके आवास पर तलाशी के बाद गिरफ्तार किया था। संयोग से, इसी दिन उनका जन्मदिन भी था। यह गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की गई थी।
EOW द्वारा गिरफ्तारी: बाद में, EOW/ACB ने जेल में बंद चैतन्य बघेल को प्रोडक्शन वारंट के माध्यम से औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया। वर्तमान स्थिति: कोर्ट द्वारा चैतन्य बघेल की न्यायिक रिमांड 29 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दी गई है।