रिपोर्टर – समीम खान
मुआवजे की उठ रही मांग
सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम भरतपुर के किसान इन दिनों प्राकृतिक आपदा से बेहद परेशान हैं। रवि सीजन में की गई धान की फसल इस बार लगातार हो रही असमय बारिश के कारण बर्बाद हो गई है। खेतों में कटी पड़ी फसल उठाई नहीं जा सकी और बारिश के कारण खेतों में पानी भरने से धान वहीं अंकुरित हो गई, जिससे फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है।
ग्राम भरतपुर के किसान विद्या राजवाड़े ने बताया कि उन्होंने करीब दो एकड़ भूमि में रवि सीजन में धान की खेती की थी। फसल अच्छी तैयार हुई थी और कटाई भी समय पर कर ली गई थी, लेकिन कटाई के बाद मौसम ने करवट ले ली। लगातार हुई बारिश के कारण खेतों में कटी फसल को उठा पाना मुश्किल हो गया। नतीजतन, धान खेतों में ही अंकुरित होकर पौधों में बदल गई, जिससे पूरी फसल चौपट हो गई।
किसान विद्या राजवाड़े ने बताया कि “बहुत मेहनत और खर्च कर पंपों के जरिए पानी पटाकर फसल तैयार की थी, लेकिन बारिश ने सबकुछ बर्बाद कर दिया। न तो धान को समय पर उठा सके और न ही उसे बचा सके।”
इस संकट में अकेले विद्या राजवाड़े नहीं हैं, बल्कि गांव के कई किसान इसी हालात से जूझ रहे हैं। खराब मौसम और लगातार हो रही बारिश ने बड़ी संख्या में किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। जिन खेतों से अब मौसम साफ होने पर धान उठाई भी जा रही है, वह भी काफी मात्रा में खराब हो चुकी है और बाज़ार में उसके बिकने की संभावना नगण्य है।
किसानों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द क्षेत्र का सर्वे कराकर फसल बर्बादी का आंकलन किया जाए और प्रभावित किसानों को मुआवजा प्रदान किया जाए, ताकि उन्हें कुछ राहत मिल सके और भविष्य की खेती के लिए साहस जुटा सकें।
यह स्थिति न सिर्फ किसानों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर रही है, बल्कि आगामी सीजन की बुवाई पर भी असर डाल सकती है। अगर समय रहते मदद नहीं मिली, तो यह संकट और गहराता जाएगा।