रिपोर्टर: देवेंद्र जायसवाल
इंदौर: स्कीम-54 इलाके में बुधवार रात हुई पार्थ दीवान की सरेआम हत्या ने पूरे शहर को हिला दिया। मामूली टक्कर पर शुरू हुआ झगड़ा देखते ही देखते खूनी संघर्ष में बदल गया, जब नशे में धुत चार युवकों ने पार्थ पर चाकुओं से ताबड़तोड़ हमला कर उसकी जान ले ली। पुलिस ने इस वारदात का पर्दाफाश QR कोड और CCTV फुटेज की मदद से किया और मुख्य आरोपी लवीश वाड़े को गिरफ्तार कर लिया।
जन्मदिन की रात बना खूनी मंजर
पुलिस के अनुसार, 19 वर्षीय पार्थ दीवान, निवासी सुंदरनगर, अपने दोस्तों आयुष और संजय के साथ स्कीम-54 क्षेत्र में शराब पी रहा था। वहीं, दूसरी ओर लवीश वाड़े, निकुंज गुप्ता, निक्कू काटे और सोभित ठाकुर भी एक आहते में जश्न मना रहे थे।
लवीश का उस दिन जन्मदिन था और वह सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम करता है। इसी दौरान नशे में टकराने से दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई, जो कुछ ही मिनटों में हिंसक झगड़े में बदल गई। आरोपितों ने पार्थ को चारों तरफ से घेरकर हमला कर दिया। जब वह भागने की कोशिश करने लगा, तो बदमाशों ने उसका पीछा कर चाकुओं से पीठ और सीने पर कई वार किए। गंभीर रूप से घायल पार्थ को लोगों ने अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
CCTV और QR कोड से हुआ खुलासा
वारदात के बाद पुलिस ने शराब दुकान के बाहर लगे CCTV फुटेज खंगाले। इसमें एक आरोपी की पहचान शराब दुकान के कर्मचारियों ने की। जांच में पता चला कि उसने QR कोड से शराब का ऑनलाइन भुगतान किया था। पुलिस ने पेमेंट ट्रांजेक्शन से आरोपी लवीश वाड़े का मोबाइल नंबर और इंस्टाग्राम प्रोफाइल ट्रेस किया। इसके आधार पर पुलिस ने कालिंदी गोल्ड सिटी भांगिया स्थित उसके घर से उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के समय लवीश ने खून से सने कपड़े बदल लिए थे और बिना कुछ बताए घर में सो गया था।
अपराधियों का आपराधिक इतिहास
पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपियों में से निकुंज गुप्ता और सोभित ठाकुर पहले भी हत्या के मामलों में आरोपी रह चुके हैं। CCTV फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि निकुंज पार्थ की पीठ और सीने पर चाकू घोंप रहा है, जबकि अन्य आरोपी उसे दबोचे हुए हैं।
पुलिस और प्रशासन पर सवाल
यह वारदात शहर में सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े करती है। जिस आहते (शराब पीने की जगह) में दोनों पक्ष शराब पी रहे थे, वह अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था। इसके बावजूद पुलिस और आबकारी विभाग की लापरवाही के कारण यह खतरनाक माहौल बना रहा। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते इस क्षेत्र में नशे पर रोक लगाई जाती, तो यह दिल दहला देने वाली हत्या टाली जा सकती थी।





