मोहाली, 01 अप्रैल 2025: पंजाब के स्वयंभू पादरी बजिंदर सिंह को मोहाली की एक अदालत ने 2018 के ज़ीराकपुर बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है। पिछले हफ्ते अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था।
केस की पृष्ठभूमि
बजिंदर सिंह पर एक महिला को विदेश जाने में मदद का झांसा देकर यौन शोषण करने का आरोप था। महिला ने शिकायत में कहा कि उसने उसका अश्लील वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर डालने की धमकी दी। इस केस में बजिंदर जमानत पर बाहर थे।
अन्य आरोपी बरी
इस केस में पांच अन्य आरोपी—पादरी जतिंदर, पादरी अकबर, सत्तार अली और संदीप पहलवान—को अदालत ने बरी कर दिया।
पीड़िता की प्रतिक्रिया
सज़ा सुनाए जाने के बाद पीड़िता ने कहा, “वह (बजिंदर) एक मनोरोगी है और जेल से बाहर आकर फिर वही अपराध करेगा। मैं चाहती हूं कि वह जेल में ही रहे। आज कई लड़कियों (पीड़िताओं) की जीत हुई है। मैं डीजीपी से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध करती हूं क्योंकि हम पर हमले हो सकते हैं।”
वकील ने कहा—”मिसाल कायम करने वाली सज़ा मिलनी चाहिए”
पीड़िता की वकील अनिल सागर ने कहा, “बलात्कार के मामले में 10-20 साल की सज़ा होती है। यहां धर्म के नाम पर लोगों को फंसाया गया। इसलिए सख्त सज़ा जरूरी है। मुझे उम्मीद है कि इस फैसले के बाद और पीड़िताएं आगे आएंगी।”
बजिंदर पर एक और केस
फरवरी में पंजाब पुलिस ने बजिंदर सिंह के खिलाफ एक और केस दर्ज किया था। रणजीत कौर नाम की एक महिला ने शिकायत की कि उस पर हमला किया गया। कौर ने बताया कि जब वह किसी और की मदद करने गई, तो उसे भी मारा गया।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था वीडियो
इससे पहले, बजिंदर सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह अपने ऑफिस में एक महिला और पुरुष को पीट रहा था। इसके बाद उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
समर्थकों ने किया था विरोध
बजिंदर के समर्थकों ने कई बार विरोध प्रदर्शन किया था। उनका कहना था कि पीड़िता ने झूठा बयान दिया है और बजिंदर निर्दोष है।
क्या कहता है कानून?
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (बलात्कार) के तहत आजीवन कारावास की सज़ा का प्रावधान है। इस केस में अदालत ने यही सज़ा सुनाई है।
निष्कर्ष
यह मामला धर्म के नाम पर हो रहे शोषण की एक बड़ी मिसाल है। पीड़िता की हिम्मत और न्याय व्यवस्था के इस फैसले से अन्य पीड़िताओं को भी न्याय की उम्मीद मिलेगी।