BY: Yoganand Shrivastava
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की नैनी सेंट्रल जेल से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद के पास से भारी मात्रा में नकदी और कई प्रतिबंधित वस्तुएं बरामद की गई हैं। इस खुलासे के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
कैसे हुआ खुलासा?
मंगलवार शाम डीआईजी जेल राजेश कुमार श्रीवास्तव ने नैनी जेल में औचक छापेमारी की। जांच के दौरान अली अहमद की बैरक से न सिर्फ कैश, बल्कि मोबाइल फोन, आपत्तिजनक कागजात और अन्य प्रतिबंधित सामग्री भी बरामद हुई।
अली को 2022 में अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के बाद नैनी जेल में रखा गया था। वर्तमान में उस पर 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं और उसका नाम खुलदाबाद थाने की हिस्ट्रीशीट में भी शामिल है।
अधिकारियों पर गिरी गाज
जेल में मिली अनियमितताओं और सुरक्षा में चूक को गंभीरता से लेते हुए डीआईजी जेल ने तत्काल कार्रवाई करते हुए डिप्टी जेलर शांति देवी और जेल वार्डन संजय द्विवेदी को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही जेल के अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता की जांच भी शुरू कर दी गई है।
क्यों है अली अहमद हाई अलर्ट पर?
अली अहमद, माफिया अतीक अहमद का दूसरा बेटा है। वह फरवरी 2023 में हुई वकील उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या में भी मुख्य आरोपी है। इसके अलावा अली पर प्रॉपर्टी डीलर जीशान उर्फ जानू से रंगदारी और मारपीट जैसे गंभीर आरोप भी दर्ज हैं।
उसके पिता अतीक अहमद और चाचा अशरफ की हत्या के बाद अली को सुरक्षा कारणों से हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया था।
अब क्या होगा?
इस पूरे मामले को लेकर शासन स्तर से भी रिपोर्ट मांगी गई है। जेल में कैश और अवैध सामग्री का मिलना, अधिकारियों की मिलीभगत की ओर इशारा करता है। उच्चस्तरीय जांच शुरू हो चुकी है और अली से भी पूछताछ की जा रही है कि जेल के भीतर इतने संसाधन कैसे पहुंचे।
नैनी सेंट्रल जेल में हुई यह घटना राज्य की जेल व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अली अहमद जैसे हाई प्रोफाइल अपराधी के पास से कैश और प्रतिबंधित वस्तुओं का मिलना, जेल के अंदर सुविधाओं की अवैध पहुंच और अधिकारियों की भूमिका की गहन जांच की मांग करता है।