वर्ष 2025 में सोने और चांदी की कीमतों में बड़े उतार-चढ़ाव की संभावना जताई जा रही है और यह वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। वहीं सोमवार को सोना 10 रुपए गिरकर 77,830 रुपए पर कारोबार कर रहा है, चांदी 100 रुपए गिरकर 92,500 रुपए प्रति किलोग्राम पर देखी गई है। एक वेबसाइट के अनुसार सोमवार को शुरुआती कारोबार में 24 कैरेट सोने की कीमत में 10 रुपये की गिरावट आई और 10 ग्राम कीमती धातु की कीमत 77,830 रुपये पर आ गई। चांदी की कीमत में भी 100 रुपये की गिरावट आई और एक किलोग्राम कीमती धातु की कीमत 92,500 रुपये पर आ गई। बाजार के जानकारों के अनुसार सोने की कीमतों में आने वाली तेजी जारी रह सकती है और घरेलू बाजार में सोने की कीमत 80,000 रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच सकती है। वहीं 2025 तक यह 85,000 रुपये प्रति दस ग्राम तक जा सकती है। वैश्विक बाजार में भी कई रिपोर्ट्स के अनुसार सोने की कीमत 3,000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है। सोने की कीमतों पर कई फैक्टर असर डाल सकते हैं। इनमें जियो-पॉलिटिकल रिस्क, सेंट्रल बैंकों की बढ़ती डिमांड, मौद्रिक नीति और बड़े बाजारों में आम आदमी की बढ़ती डिमांड शामिल हैं। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर वैश्विक बाजार में सोने की कीमत 3,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचती है, तो घरेलू बाजार में सोने का भाव 92,000 रुपये से लेकर 1,00,000 रुपये प्रति दस ग्राम तक जा सकता है। सोने की कीमतों पर जियोपॉलिटिकल तनाव, जैसे कि मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव और रूस-यूक्रेन युद्ध का असर रहेगा। साथ ही अगर अमेरिका में ट्रेड वॉर बढ़ती है तो सोने की कीमतों में तेजी आ सकती है। इसके अलावा अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कमी और सेंट्रल बैंकों की खरीदारी भी सोने की कीमतों पर असर डाल सकती है। भारत के रिजर्व बैंक ने भी अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ाया है, जो महंगाई और करेंसी स्टेबिलिटी के लिए किया गया है। इसके अलावा भारतीय ज्वेलरी कंपनियां 2025 में 16-18 फीसदी नेटवर्क विस्तार करने पर विचार कर रही है, जिससे सोने की मांग और बढ़ सकती है।
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