दिल्ली की सियासत इन दिनों सीएम हाउस के इर्द-गिर्द घूम रही है। दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित 6, फ्लैग स्टाफ रोड पर सीएम आवास के सील होने के बाद दिल्ली की सियासत गरमा गई है। मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से इसे जबरन की गई कार्रवाई करार दिया गया है। साथ में आशंका जताई है कि इसे भाजपा के किसी बड़े नेता को दिया जा सकता है।
बुधवार शाम सीएमओ की तरफ से बयान जारी किया गया कि एलजी के आदेश पर मुख्यमंत्री आतिशी का सामान उनके आधिकारिक आवास से जबरन बाहर निकाल दिया गया। देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है, जब जनता द्वारा चुने गए मुख्यमंत्री को सीएम कैंप कार्यालय और आवास से जबरन बेदखल कर दिया गया। पीडब्ल्यूडी ने 6 अक्टूबर को सीएम आवास की चाबी आतिशी को सौंप दी थी। इस प्रक्रिया में विभाग ने सभी नियमों और प्रोटोकॉल का पालन किया गया। अब भाजपा लगातार इस अवसर की तलाश में थी कि किस तरह वह मुख्यमंत्री के पूर्व आवास का विवाद जनता के सामने लाए। केजरीवाल के मुख्यमंत्री आवास छोड़ते ही भाजपा को अवसर मिल गया। उसने इस भवन के निर्माण में हुई कथित अनियमितता की जांच को लेकर मांग कर दी।
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने CM आवास को लेकर भाजपा पर आरोप लगाए। भाजपा के दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी और पूर्व CM केजरीवाल पर जमकर घेरा। कहा वो बंगला CM आवास नहीं है वो PWD की प्रॉपर्टी है। केजरीवाल ने अपना घोटाला छुपाने के लिए आतिशी का सहारा लिया और इसलिए उन्हें भी वहां से हटाया गया है। भाजपा ने कहा कि वो बंगले की CBI जांच चाहती है ताकि दिल्ली की जनता को पता चले की उस बंगले में ऐसा क्या है कि केजरीवाल उसे छोड़ना नहीं चाहते।
आरोपों पर आप सांसद संजय सिंह ने कि इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री का सामान CM आवास से बाहर फेंक दिया गया। संजय सिंह ने कहा कि शर्म की बात है, LG के आदेश पर दिल्ली की महिला मुखमंत्री के घर का समान LG के आदेश पर फेका गया। भाजपा झूठे आरोप लगाती है। भाजपा जबरन गुंडा गर्दी पर उतरी हुई है। अब दिल्ली CM आवास को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी में तकरार है वार पलटवार है। देखना ये होगा कि सीएम हाउस की ये सियासत आगे क्या क्या रंग लाती है।