प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस जुलाई ब्राजील में होने वाले ब्रिक्स (BRICS) शिखर सम्मेलन 2025 में शामिल हो सकते हैं। इस सम्मेलन में भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग को मजबूत करने के साथ-साथ ग्लोबल साउथ देशों के लिए भारत के दृष्टिकोण को भी मजबूती से पेश करेगा।
ब्राजील, जो वर्तमान में ब्रिक्स का अध्यक्ष है, ने पीएम मोदी को शिखर सम्मेलन के साथ-साथ राजकीय यात्रा के लिए भी आमंत्रित किया है। अगर प्रधानमंत्री मोदी इस बैठक में शामिल होते हैं, तो उन्हें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित इंडोनेशिया, ईरान, यूएई, सऊदी अरब और मिस्र जैसे ब्रिक्स सदस्य देशों के नेताओं से मिलने का मौका भी मिलेगा।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आतंकवाद विरोधी योजना पर होगी चर्चा
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, ब्राजील में आयोजित होने वाले इस शिखर सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी। इनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार, वैश्विक स्वास्थ्य सहयोग, व्यापार और निवेश, जलवायु परिवर्तन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) गवर्नेंस, और बहुपक्षीय शांति-सुरक्षा शामिल हैं।
भारत वर्तमान में आतंकवाद के खिलाफ एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय अभियान चला रहा है। यदि पीएम मोदी इस सम्मेलन में भाग लेते हैं तो भारत इस अभियान को और अधिक मजबूती प्रदान कर सकता है। साथ ही, भारत ग्लोबल साउथ के देशों के सहयोग को बढ़ाकर एक अधिक समावेशी और टिकाऊ वैश्विक व्यवस्था को आगे बढ़ाएगा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता
ब्रिक्स सम्मेलन से पहले, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 3 से 5 जून तक ब्रासीलिया में ब्रिक्स संसदीय मंच की बैठक में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का दावा कर रहा है।
वर्तमान में, सुरक्षा परिषद आतंकवाद के मुद्दे पर कमजोर साबित हो रही है क्योंकि कई आतंकवादी संगठन पाकिस्तान के समर्थन से सक्रिय हैं, और चीन जैसे स्थायी सदस्य अपने वीटो अधिकार का उपयोग करके इन समूहों को बचाते हैं। इस संदर्भ में, भारत सुरक्षा परिषद के सुधार पर जोर देगा।
मालदीव ने भी पीएम मोदी को दिया निमंत्रण
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भी प्रधानमंत्री मोदी को जुलाई में मालदीव आने का निमंत्रण दिया है। मालदीव अपनी नाजुक आर्थिक स्थिति के कारण भारत के साथ रिश्ते सुधारने का प्रयास कर रहा है।
पिछले महीने मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने भारत-मालदीव उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की बैठक में रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, स्वास्थ्य, और विकास सहयोग पर भी चर्चा की।
भारत ने मालदीव को समय पर वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिसके लिए मालदीव सरकार ने आभार व्यक्त किया है। वहीं, चीन की मालदीव में बढ़ती भूमिका को लेकर भारत सतर्क है और इस क्षेत्र में अपनी सक्रिय भूमिका बनाए रखना चाहता है।