रिपोर्ट: निज़ाम अली, पीलीभीत
पीलीभीत में पुलिस की कार्यशैली को लेकर अधिवक्ताओं का आक्रोश आज सड़कों पर दिखाई दिया। वकीलों का आरोप है कि पुलिस जानबूझकर उनके खिलाफ बिना जांच के फर्जी मुकदमे दर्ज कर रही है। यही नहीं, जिन मामलों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उनमें पुलिस चार्जशीट दाखिल करने में भी जानबूझकर देरी कर रही है।
अधिवक्ताओं का आरोप:
- पुलिस पेशेगत द्वेष और बदले की भावना से काम कर रही है।
- बिना प्राथमिक जांच के ही मुकदमे दर्ज कर अधिवक्ताओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
- मामलों में चार्जशीट जानबूझकर लंबित रखी जाती है, जिससे न्याय प्रक्रिया बाधित हो रही है।

इस रवैये के खिलाफ आज अधिवक्ताओं ने हड़ताल का ऐलान किया और जिले में न्यायिक कार्य पूरी तरह से ठप कर दिया। अधिवक्ताओं ने एकजुट होकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा।
आनंद मिश्रा, एडवोकेट ने कहा:
“पुलिस का व्यवहार पूरी तरह न्याय व्यवस्था के खिलाफ है। हम अधिवक्ताओं को निशाना बनाकर फर्जी केस में फंसाया जा रहा है। यह न सिर्फ हमारे सम्मान पर हमला है, बल्कि पूरी न्यायिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता को चोट पहुंचाता है।”
अधिवक्ताओं की प्रमुख माँगें:
- सभी मामलों की निष्पक्ष जांच हो।
- बिना जांच मुकदमे दर्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो।
- लंबित चार्जशीटों को जल्द दाखिल किया जाए।
- अधिवक्ताओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित किया जाए।
पीलीभीत में अधिवक्ताओं का यह विरोध केवल एक पेशे के लिए नहीं, बल्कि पूरी न्याय प्रणाली की निष्पक्षता के लिए है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या पुलिस व्यवस्था में कोई सकारात्मक सुधार देखने को मिलेगा।