नई दिल्ली। भारत की बाहरी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) को जल्द नया प्रमुख मिलने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, सीनियर आईपीएस अधिकारी पराग जैन RAW के अगले चीफ बनाए जाएंगे। उन्होंने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान अहम खुफिया जिम्मेदारियां संभाली थीं।
कौन हैं पराग जैन?
पराग जैन 1989 बैच के पंजाब कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं। वे इस समय RAW में दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। फिलहाल, वह RAW की ‘एविएशन रिसर्च सेंटर’ (ARC) के प्रमुख हैं, जो देश की हवाई निगरानी जैसे बेहद संवेदनशील कामकाज संभालता है।
ऑपरेशन सिंदूर में निभाई बड़ी भूमिका
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान में गहराई तक घुसकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया था। इस मिशन में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश दिया। इस पूरे अभियान में पराग जैन ने खुफिया रणनीति और ऑपरेशनल प्लानिंग में अहम योगदान दिया।
पाकिस्तान ने किया इनकार
भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान पर आतंकियों को समर्थन देने का आरोप लगाया था। हालांकि, पाकिस्तान ने इन आरोपों को नकारते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की थी। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के बाद 10 मई को संघर्ष विराम पर सहमति बनी।
2 साल का कार्यकाल संभालेंगे पराग जैन
सूत्रों की मानें तो मौजूदा RAW प्रमुख रवी सिन्हा 30 जून को रिटायर हो रहे हैं। इसके बाद पराग जैन दो साल के लिए देश की इस अहम एजेंसी की कमान संभालेंगे।
खालिस्तानी मॉड्यूल पर भी पैनी नजर
पराग जैन का RAW में लंबा अनुभव रहा है। उन्होंने पाकिस्तान डेस्क की जिम्मेदारी संभालने के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के दौरान भी खुफिया कामकाज में सक्रिय भूमिका निभाई। इसके अलावा, श्रीलंका और कनाडा में भारतीय मिशनों में भी सेवाएं दे चुके हैं। कनाडा में उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने खालिस्तानी आतंकियों की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी थी।
पंजाब में आतंकवाद के दौर में सेवा
पराग जैन ने अपने करियर की शुरुआत पंजाब में की थी। उस दौर में आतंकवाद चरम पर था। वहां उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) और डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) जैसे महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दीं।
निष्कर्ष
भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह नियुक्ति अहम मानी जा रही है। पराग जैन का लंबा खुफिया अनुभव, पाकिस्तान से जुड़ी रणनीतियों की समझ और ऑपरेशन सिंदूर जैसी बड़ी जिम्मेदारियों में निभाई भूमिका उन्हें RAW का नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त बनाती है।