BY: Yoganand Shrivastva
अमृतसर: भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। भारतीय सेना ने बताया है कि पाकिस्तान की सेना ने पंजाब स्थित पवित्र स्वर्ण मंदिर को निशाना बनाते हुए ड्रोन और मिसाइल हमला किया था। हालांकि, भारतीय सेना की सतर्कता और आधुनिक वायु रक्षा प्रणाली की बदौलत पाकिस्तान की इस नापाक साजिश को पूरी तरह नाकाम कर दिया गया।
भारतीय सेना ने कैसे बचाया स्वर्ण मंदिर?
मेजर जनरल कार्तिक सी. शेषाद्रि ने बताया कि खुफिया जानकारी पहले ही यह संकेत दे रही थी कि पाकिस्तानी सेना सैन्य ठिकानों के बजाय धार्मिक और नागरिक स्थलों को निशाना बना सकती है। विशेषकर अमृतसर का स्वर्ण मंदिर उनके संभावित लक्ष्यों में सबसे ऊपर था। इसी संभावना को ध्यान में रखते हुए, भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा को एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम से कवर किया।
8 मई की सुबह, अंधेरे का फायदा उठाकर पाकिस्तान की ओर से एक बड़ा हवाई हमला किया गया। इसमें लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें और ड्रोन शामिल थे। लेकिन भारतीय सेना पहले से तैयार थी। एयर डिफेंस यूनिट्स ने तेजी से प्रतिक्रिया देते हुए स्वर्ण मंदिर की ओर बढ़ते सभी मिसाइलों और ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया। मेजर जनरल शेषाद्रि ने बताया, “हमने दुश्मन के इरादों को पूरी तरह नाकाम किया और स्वर्ण मंदिर को एक खरोंच तक नहीं आने दी।”
किन हथियारों ने निभाई मुख्य भूमिका?
हमले को नाकाम करने में भारतीय सेना ने ‘आकाश मिसाइल सिस्टम’, ‘एल-70 एयर डिफेंस गन’ और अन्य अत्याधुनिक वायु रक्षा तकनीकों का इस्तेमाल किया। इन हथियारों की मदद से पाकिस्तान की ओर से दागे गए सभी मिसाइलों और ड्रोन को लक्षित कर नष्ट कर दिया गया।
पाकिस्तान को दो टूक संदेश
भारतीय सेना की 15वीं इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (GOC), मेजर जनरल शेषाद्रि ने पाकिस्तान को सख्त लहजे में चेतावनी दी। उन्होंने कहा:
“पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी समाप्त नहीं हुआ है, सिर्फ स्थगित किया गया है। अगर दुश्मन फिर से ऐसी हिमाकत करता है तो अगली बार परिणाम और भी गंभीर होंगे।