BY: Yoganand Shrivastva
पेशावर: पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से सटी अपनी सीमा पर बड़ा कदम उठाते हुए गुलाम खान बॉर्डर को अगली सूचना तक बंद कर दिया है। यह फैसला हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तरी वज़ीरिस्तान में हुए आत्मघाती हमले और सीमा पर हुई झड़पों के बाद लिया गया है। इस हमले में 13 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि तीन अन्य घायल हुए।
बॉर्डर सील, इलाके में निषेधाज्ञा लागू
पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, शनिवार को हुए हमले के बाद उत्तरी वजीरिस्तान में निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दी गई है। गुलाम खान सीमा चौकी, जो अफगानिस्तान से पाकिस्तान में प्रवेश का एक महत्वपूर्ण मार्ग है, अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी गई है। सुरक्षा बलों का कहना है कि हालात सामान्य होने तक यह निर्णय प्रभावी रहेगा।
अफगानिस्तान की प्रतिक्रिया: कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई गई
अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार के सीमा बल प्रवक्ता अबीदुल्ला फारूकी ने भी इस सीमा बंदी की पुष्टि की है। उनका कहना है कि पाकिस्तान की ओर से कोई औपचारिक कारण नहीं बताया गया, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों ने वाहनों को वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने के निर्देश जरूर दिए हैं। इससे सीमा पार व्यापार और आवाजाही प्रभावित हो रही है।
आतंकवादी हमले को किया गया नाकाम
पाकिस्तान में जारी सुरक्षा चिंताओं के बीच एक बड़े आतंकी हमले की साजिश को विफल कर दिया गया है। पेशावर के उर्मर पयान इलाके में, जो कभी अफगान शरणार्थियों का बड़ा केंद्र था, CTD (आतंकवाद रोधी विभाग) ने दो आतंकियों को मार गिराया। खुफिया जानकारी के आधार पर चलाए गए ऑपरेशन में यह कार्रवाई की गई।
भारी हथियार और विस्फोटक बरामद
CTD अधिकारियों ने बताया कि दोनों आतंकवादी किसी संवेदनशील स्थान पर बड़ा हमला करने की योजना बना रहे थे। इनके पास से एक आत्मघाती जैकेट, एसएमजी राइफल, पिस्तौल, गोला-बारूद और अन्य हथियार बरामद किए गए हैं। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि आतंकियों की मंशा बेहद खतरनाक थी।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बॉर्डर विवाद और सुरक्षा चिंताओं के चलते हालात फिर से तनावपूर्ण हो गए हैं। सीमा बंदी से दोनों देशों के बीच व्यापार और आम लोगों की आवाजाही पर असर पड़ रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि पाकिस्तान कब तक इस सीमा को बंद रखता है और क्या यह कदम क्षेत्रीय स्थिरता पर और असर डालेगा।