BY: MOHIT JIAN
पाकिस्तान ने गुरुवार रात अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर मिसाइल हमला किया। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, रात करीब 9:50 बजे शहर में दो जोरदार धमाकों की आवाज सुनी गई। पाकिस्तान की ओर से यह पहला खुला सैन्य कदम है, जो सीधे तालिबान शासन पर निशाना साधता है। यह हमला उस वक्त हुआ जब कुछ घंटे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सख्त चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान अब “आतंकी ठिकानों को बर्दाश्त नहीं करेगा।”
अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने पुष्टि की कि धमाकों की आवाज काबुल में सुनी गई, लेकिन उन्होंने कहा कि “किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है।”
धमाकों से दहला काबुल, जांच में जुटा तालिबान प्रशासन

रिपोर्ट्स के अनुसार, अब्दुल हक चौक इलाके में पहला धमाका हुआ, जो कई मंत्रालयों और अफगान खुफिया एजेंसी के दफ्तरों के पास स्थित है। वहीं, शहर-ए-नव मोहल्ले में एक और विस्फोट की खबर है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
अफगान मीडिया ने बताया कि एक लैंड क्रूजर वाहन को निशाना बनाया गया था। फिलहाल तालिबान प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है।
पाकिस्तान की नाराज़गी और चेतावनी
इस हमले से पहले ख्वाजा आसिफ ने संसद में कहा था कि पाकिस्तान का सब्र अब खत्म हो चुका है। उन्होंने आरोप लगाया था कि अफगान धरती का इस्तेमाल तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे आतंकी संगठन कर रहे हैं।
आसिफ ने कहा था, “हम आतंकियों का पीछा करेंगे, चाहे वो पाकिस्तान में हों या अफगानिस्तान में। जो भी उन्हें पनाह देगा, उसे नतीजा भुगतना होगा।”
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने तीन साल पहले काबुल से बातचीत कर यह मुद्दा उठाया था कि अफगान सीमा पर लगभग 6,000 से 7,000 आतंकवादी सक्रिय हैं, लेकिन अफगानिस्तान ने ठोस कदम नहीं उठाए।
भारत दौरे पर अफगान विदेश मंत्री
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी भारत के दौरे पर हैं। वह 9 से 16 अक्टूबर तक भारत में रहेंगे और आज (10 अक्टूबर) विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करेंगे।
यह उनकी भारत की पहली यात्रा है, जबसे तालिबान ने 2021 में सत्ता संभाली थी। भारत ने अब तक तालिबान शासन को आधिकारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन मानवीय और क्षेत्रीय सुरक्षा कारणों से सीमित संवाद बनाए रखा है।
क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका
पाकिस्तान की इस कार्रवाई के बाद दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमला दोनों देशों के बीच संबंधों में नया मोड़ ला सकता है। तालिबान ने अभी तक कोई जवाबी कदम नहीं उठाया है, लेकिन पाकिस्तान की चेतावनी और काबुल में हुए धमाकों ने पूरे क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।





