BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। भारत ने इस हमले के बाद कड़ा रुख अपनाते हुए सिंधु जल समझौते को निलंबित करने और पाकिस्तान के साथ सभी तरह के व्यापारिक संबंध खत्म करने का ऐलान किया है। इससे पड़ोसी मुल्क में हलचल मच गई है और पाकिस्तान के नेता और राजनयिक अब उटपटांग बयानबाजी पर उतर आए हैं।
रूसी चैनल को दी गई धमकी भरी प्रतिक्रिया
रूस में पाकिस्तान के राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि अगर भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में कोई सैन्य कार्रवाई की, तो पाकिस्तान परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हटेगा। उनका यह बयान न सिर्फ असंवेदनशील है बल्कि भारत को डराने की एक विफल कोशिश भी माना जा रहा है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का भी विवादित बयान
इसके पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी भारत को चेतावनी दी थी कि अगर भारत सिंधु जल संधि का उल्लंघन करते हुए कोई भी निर्माण कार्य करता है, तो पाकिस्तान उस पर हमला करेगा। वहीं, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो ने भारत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “सिंधु नदी पर केवल पाकिस्तान का हक है। उसमें या तो हमारा पानी बहेगा, या फिर उनका खून।”
एलओसी पर फिर सीजफायर उल्लंघन
भारत के कड़े कदमों से घबराए पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर फिर से उकसावे वाली गतिविधियां शुरू कर दी हैं। जम्मू-कश्मीर के पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी, अखनूर, कुपवाड़ा और बारामूला जैसे इलाकों में पाकिस्तानी सेना द्वारा फायरिंग की जा रही है। भारतीय सेना भी हर बार की तरह इस बार भी मुंहतोड़ जवाब दे रही है।
सीजफायर तोड़ने का लंबा इतिहास
पाकिस्तान का युद्धविराम उल्लंघन करना कोई नई बात नहीं है। 2018 में 2140, 2019 में 3479 और 2020 में 5133 बार पाकिस्तान ने सीजफायर तोड़ा था। पहलगाम हमले के बाद से पिछले 9 दिनों से पाकिस्तान की ओर से लगातार गोलीबारी की जा रही है, जिसका जवाब भारतीय सुरक्षाबल पूरी मजबूती से दे रहे हैं।
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