22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बायसरन घाटी में हुए भीषण आतंकी हमले के दो महीने बाद नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने दो स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों आरोपी उन आतंकियों को शरण देने में शामिल थे, जिन्होंने इस हमले को अंजाम दिया था।
गिरफ्तार हुए आरोपी कौन हैं?
एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों की पहचान:
- परवेज अहमद जोठार
- बशीर अहमद जोठार
पूछताछ के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने आतंकियों को जानबूझकर शरण दी थी और उनकी गतिविधियों में सहायता की थी।
पाकिस्तानी नागरिक और लश्कर से संबंध
एनआईए की पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि जिन आतंकियों को इन दोनों ने पनाह दी, वे पाकिस्तान के नागरिक थे और प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े हुए थे। उन्होंने इन आतंकियों को हिल पार्क क्षेत्र के अस्थायी ढोक (झोपड़ी) में ठहराया था, जहाँ उन्होंने उन्हें भोजन और अन्य जरूरी संसाधन मुहैया कराए।
क्या हुआ था 22 अप्रैल को?
- हमला बायसरन घाटी, पहलगाम से 6 किलोमीटर दूर हुआ।
- आतंकियों ने पर्यटकों पर गोलियां बरसाईं।
- हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई।
- 16 लोग गंभीर रूप से घायल हुए।
- आतंकियों ने धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाया।
जांच में सामने आए थे तीन आतंकी
हमले के दो दिन बाद यानी 24 अप्रैल को अनंतनाग पुलिस ने तीन आतंकियों के स्केच जारी किए थे:
- आदिल हुसैन ठोकर – अनंतनाग का निवासी
- हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान – पाकिस्तानी नागरिक, पूर्व SSG कमांडो
- अली उर्फ तल्हा भाई – पाकिस्तानी नागरिक
हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने इन्हीं तीन आतंकियों के बारे में जानकारी दी है या किसी और के बारे में।
हमले की जड़ तक पहुंचने की कोशिश
NIA की ताजा गिरफ्तारी से साफ है कि पहलगाम हमले की साजिश स्थानीय सहयोग के बिना मुमकिन नहीं थी। अब जांच का फोकस यह जानने पर है कि स्थानीय नेटवर्क कितना फैला हुआ है और कितने लोग शामिल थे। जांच अभी जारी है और NIA आगे और गिरफ्तारियां कर सकती है।