रिपोर्टर: रतन कुमार मंडल
चितरा ECL क्षेत्र में डंपर से कोयला ढुलाई पर प्रतिबंध लगाए जाने के खिलाफ स्थानीय डंपर मालिकों, चालकों और खलासियों का गुस्सा सोमवार को फूट पड़ा। उन्होंने BJP नेता वीरेंद्र मंडल की अगुवाई में एसडीओ कार्यालय तक पैदल मार्च करते हुए विरोध दर्ज कराया और एसडीओ अनंत कुमार को ज्ञापन सौंपा।
“स्थानीय डंपर को हाशिए पर डाल रही है ECL प्रबंधन” — प्रदर्शनकारियों का आरोप
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ECL प्रबंधन और कुछ ट्रांसपोर्टर मिलकर बाहरी कंपनियों को फायदा पहुंचाने की साजिश कर रहे हैं। इसके तहत स्थानीय डंपर मालिकों को दरकिनार कर दिया गया है, जिससे हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं।
BJP नेता की चेतावनी — 16 जुलाई तक समाधान नहीं तो उग्र आंदोलन
ज्ञापन सौंपने के बाद मीडिया से बात करते हुए वीरेंद्र मंडल ने कहा:
“हम बीते 40 वर्षों से कोयला ढुलाई में लगे हैं, लेकिन अब हमें जबरन बेरोजगार किया जा रहा है। अगर 16 जुलाई तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो चितरा क्षेत्र में हजारों की संख्या में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। अगर बाहरी हाईवे की एंट्री के कारण कोई नुकसान होता है तो इसकी जिम्मेदारी चितरा प्रबंधन की होगी।”
पूर्व सहमति को नजरअंदाज कर ECL ने बंद कर दी ढुलाई
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले प्रशासन, ECL और डंपर मालिकों के बीच ढुलाई जारी रखने को लेकर सहमति बनी थी, लेकिन ECL प्रबंधन ने उस सहमति को दरकिनार कर कोयला लोडिंग पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी।
“यह लड़ाई अब आजीविका की नहीं, अस्तित्व की है”
डंपर चालकों और मालिकों का कहना है कि जब तक डंपर से कोयले की ढुलाई दोबारा शुरू नहीं की जाती, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। उनका मानना है कि यह लड़ाई अब केवल रोजगार बचाने की नहीं, बल्कि उनके अस्तित्व की लड़ाई बन चुकी है।
- ECL चितरा प्रबंधन पर बाहरी कंपनियों को लाभ पहुंचाने का आरोप
- भाजपा नेता वीरेंद्र मंडल की अगुवाई में सौंपा गया ज्ञापन
- 16 जुलाई तक समाधान नहीं हुआ तो बड़े आंदोलन की चेतावनी
- प्रबंधन द्वारा पूर्व सहमति को नज़रअंदाज़ कर ढुलाई बंद