by: vijay nandan
नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी SIR मुद्दे पर विपक्ष का विरोध तेज़ रहा। लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। कई सांसद वेल तक पहुंच गए, जबकि स्पीकर ने प्रश्नकाल जारी रखने की कोशिश की। लगभग 20 मिनट तक विपक्ष ‘वोट चोर–गद्दी छोड़’ के नारे लगाता रहा। बढ़ते हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे और फिर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।

उधर, राज्यसभा में भी विपक्षी दल लगातार विरोध दर्ज करा रहे हैं। विपक्ष की मांग है कि सरकार SIR पर तत्काल चर्चा करे। सुबह 10:30 बजे विपक्षी दलों ने संसद परिसर के मकर द्वार के सामने प्रदर्शन किया, जो लगातार दूसरे दिन आयोजित किया गया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए विरोध ज़रूरी है। उनका आरोप है कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा से बच रही है और विपक्षी सदस्यों को बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा। खड़गे ने कहा—“हम SIR मामले को गंभीरता से उठाना चाहते हैं, लेकिन चर्चा की अनुमति नहीं दी गई। सरकार लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रही है।”

सरकार का रुख
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में स्पष्ट किया कि सरकार SIR और चुनावी सुधारों पर खुली चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष समयसीमा न थोपे। सूत्रों के अनुसार, विपक्ष ने सुझाव दिया है कि यदि SIR शब्द विवादास्पद है, तो सरकार इलेक्टोरल रिफॉर्म जैसे किसी वैकल्पिक नाम से इस विषय को कार्यसूची में शामिल कर सकती है। इस प्रस्ताव पर सरकार बिज़नेस एडवाइजरी कमेटी में विचार रख सकती है।

वंदे मातरम् पर 10 घंटे की चर्चा का प्रस्ताव
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर सरकार सदन में 10 घंटे की विशेष चर्चा आयोजित कर सकती है, जो संभवतः गुरुवार और शुक्रवार को होगी। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शामिल हो सकते हैं। 30 सितंबर को राज्यसभा बिज़नेस एडवाइजरी कमेटी में इस विषय पर चर्चा कराने का सुझाव दिया गया था, हालांकि इस पर अभी आधिकारिक बयान नहीं आया है।
अफवाहों, आरोपों और चुनावी सुधार की बहस के बीच संसद का माहौल लगातार गर्म है। विपक्ष का कहना है कि उसे बोलने से रोका जा रहा है, वहीं सरकार दलील दे रही है कि विपक्ष सदन की कार्यवाही बाधित कर रहा है। आगामी दिनों में इस गतिरोध का समाधान कितना होगा, संसद की कार्यवाही इसका संकेत देगी।





