BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान पर हमले के लिए पूरी तरह से तैयार थी। नौसेना के पास पाकिस्तान के अंदर स्थित महत्वपूर्ण ठिकानों की सूची मौजूद थी और कई मौकों पर मिसाइल हमलों के लिए नौसेना को हॉट-स्टैंडबाय पर रखा गया था। हालांकि, अंतिम समय में हमले का आदेश नहीं दिया गया।
सूत्रों के अनुसार, नौसेना के पास कराची बंदरगाह पर मौजूद पाकिस्तानी युद्धपोतों, पनडुब्बियों और जमीन पर मौजूद रणनीतिक ठिकानों को ब्रह्मोस और क्लब क्रूज मिसाइलों से निशाना बनाने की योजना थी। ये मिसाइलें भारत की ‘किलो’ श्रेणी की रूसी मूल की पनडुब्बियों में तैनात रहती हैं।
कैसे थी नौसेना की रणनीतिक तैयारी?
- INS विक्रांत कैरियर बैटल ग्रुप उत्तरी अरब सागर में पूरी तरह से तैनात था।
- मिग-29K फाइटर जेट्स, एयर कवर के लिए अलर्ट पर थे।
- युद्धपोत और पनडुब्बियां एंटी-शिप और लैंड अटैक क्रूज मिसाइलों से लैस थीं।
- अगर आदेश मिलता, तो पाकिस्तान के कई युद्धपोत बंदरगाह में ही तबाह हो सकते थे।
पाकिस्तान की नौसेना क्या कर रही थी?
भारतीय निगरानी तंत्र के अनुसार, पाकिस्तानी नौसेना के प्रमुख जहाज और पनडुब्बियां हमले के डर से बंदरगाह से बाहर नहीं निकले। संघर्ष के दिनों में पाकिस्तान की समुद्री गतिविधि लगभग शून्य रही।
INS विक्रांत से उड़ान भर चुके एक मिग-29K ने पाकिस्तान के समुद्री टोही विमान RAS-72 सी ईगल को इंटरसेप्ट किया और उसे वापस लौटने पर मजबूर कर दिया। यह विमान पाकिस्तानी नौसेना का टोही संस्करण है, जिसे मिग-29K की निकट उपस्थिति ने घेर लिया।
क्या था ऑपरेशन सिंदूर?
- ऑपरेशन सिंदूर 6-7 मई, 2025 को भारतीय सेना की ओर से अंजाम दिया गया।
- यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में चलाया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी।
- ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान में स्थित कम से कम 9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया।
हमले क्यों नहीं हुए?
हालांकि भारत के पास सैन्य और सामरिक रूप से बढ़त थी, लेकिन सरकार की रणनीतिक प्राथमिकता संघर्ष को नियंत्रित रखना और अनावश्यक युद्ध से बचना रही। नौसेना को अंतिम आदेश नहीं मिला, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता बनी रही।
विश्लेषण: भारत का सधा हुआ सैन्य दृष्टिकोण
इस ऑपरेशन ने दिखा दिया कि भारतीय नौसेना रणनीतिक रूप से कितनी सक्षम है। लेकिन साथ ही यह भी दर्शाया गया कि भारत केवल सैन्य ताकत से नहीं, बल्कि रणनीतिक संयम से भी काम लेना जानता है। पाकिस्तान के विरुद्ध भारत के सैन्य प्रभुत्व को साबित करने का यह एक अहम उदाहरण रहा।
ऑपरेशन सिंदूर भले ही पूर्ण युद्ध में नहीं बदला, लेकिन इसने साफ कर दिया कि भारत की नौसेना हर स्थिति के लिए तैयार है। यदि हमला होता, तो पाकिस्तान को समुद्र और जमीन दोनों मोर्चों पर भारी नुकसान झेलना पड़ता। भारत की यह सैन्य तैयारी उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति की ताकत और रणनीतिक सोच को दर्शाती है।