BY- ISA AHMAD
लाखों की लूट!
बलरामपुर जिले की ग्राम पंचायत चिनीयां में मनरेगा योजना के तहत भ्रष्टाचार की बड़ी परतें उजागर हो रही हैं। यहां शासकीय कर्मचारियों के नाम पर फर्जी मजदूरी दर्ज कर लाखों रुपये का घोटाला किया गया है। जैसे ही इस घोटाले की भनक ग्रामीणों को लगी, पंचायत में हड़कंप मच गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि रामानुजगंज परिवहन चेकपोस्ट में पदस्थ गुरदयाल सिंह के नाम पर मनरेगा के मास्टर रोल में सैकड़ों दिनों की हाजिरी भरी गई, जबकि वे अपनी सरकारी ड्यूटी में व्यस्त थे। इसी तरह वन विभाग के चौकीदार धर्मेन्द्र यादव को भी बिना एक दिन काम किए मनरेगा मजदूर बना दिया गया।
लामीपारा में बन रहे मिट्टी बांध कार्य को लेकर ग्रामीणों ने दावा किया कि इसमें 80% हाजिरी फर्जी है। इस घोटाले में रोजगार सहायक सुदामा यादव, पंचायत सचिव और सरपंच की मिलीभगत बताई जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि मजदूरी की राशि सीधे इन अधिकारियों के खातों में चली गई, जबकि असल मजदूरों को उनका हक नहीं मिला।
यह कोई पहला मामला नहीं है। पहले भी इसी पंचायत में अनियमितताओं की शिकायतें सामने आ चुकी हैं, लेकिन जांच के नाम पर केवल लीपापोती की गई। अब सवाल उठता है कि आखिरकार जांच अधिकारी किसके दबाव में काम कर रहे हैं?
ग्रामीणों गोरखनाथ, विनोद भादन, राधेश्याम, हल्देव सिंह और विनोद यादव ने जनदर्शन में कलेक्टर से मिलकर शिकायत दर्ज कराई और दस्तावेजों सहित प्रमाण सौंपे। मास्टर रोल की छायाप्रति दिखाते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई झूठा आरोप नहीं, बल्कि सच्चाई है, जिसे दबाया नहीं जा सकता।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस भ्रष्टाचार पर क्या कार्रवाई करता है या यह मामला भी फाइलों में ही दबा रह जाएगा?
रिपोर्टर: सुनील कुमार ठाकुर