देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। केंद्र सरकार ने नूंह (हरियाणा) से फिरोजपुर झिरका होते हुए राजस्थान बॉर्डर तक 45 किलोमीटर लंबा फोरलेन नेशनल हाईवे बनाने का निर्णय लिया है। इस हाईवे को बनाने में कुल ₹325 करोड़ का खर्च अनुमानित है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए टेंडर भी जारी कर दिया है।
यह प्रोजेक्ट क्यों है खास?
नेशनल हाईवे-248A का हिस्सा
- यह हाईवे NH-248A के अंतर्गत आएगा।
- इससे हरियाणा और राजस्थान के बीच आवागमन तेज और आसान होगा।
- सड़क को 4 लेन का बनाया जाएगा, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या में राहत मिलेगी।
प्रमुख निर्माण कार्य
- 9 फ्लाईओवर
- 6 अंडरपास
- 2 बाईपास: मालब और भादस गांवों में
- 6.84 किमी मौजूदा सड़क को चौड़ा किया जाएगा।
24 महीने में होगा काम पूरा
इस प्रोजेक्ट को 2 साल (24 महीने) में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, निर्माण के बाद अगले 60 महीने (5 साल) तक मेंटेनेंस का दायित्व भी ठेकेदार के पास रहेगा।
खर्च का ब्योरा:
- निर्माण लागत: ₹310.44 करोड़
- टेंडर फीस: ₹40,000
50 गांवों को होगा सीधा लाभ
इस हाईवे के बनने से इसके आसपास के करीब 50 गांवों को सीधा फायदा मिलेगा। स्थानीय लोग बेहतर कनेक्टिविटी से जुड़ेंगे जिससे:
- एग्रीकल्चर सेक्टर में सुधार
- बिजनेस और टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
- इंडस्ट्री और निवेशकों के लिए क्षेत्र बनेगा आकर्षक
- रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
- रियल एस्टेट सेक्टर को भी मिलेगा बूस्ट
कैसे बदलेगा राजस्थान जाने का सफर?
अब हरियाणा से राजस्थान बॉर्डर तक यात्रा करने का समय काफी कम हो जाएगा। ट्रैफिक फ्लो बेहतर होगा और नेशनल लेवल पर माल परिवहन भी तेज होगा।
नूंह से राजस्थान बॉर्डर तक बनने वाला यह 45 किमी लंबा फोरलेन हाईवे न केवल ट्रैफिक को सुगम बनाएगा बल्कि पूरे मेवात क्षेत्र के आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक विकास का जरिया बनेगा। यह प्रोजेक्ट भारत की बुनियादी संरचना को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।