BY: Yoganand Shrivastva
मध्यप्रदेश में सर्दी ने एक बार फिर अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए हैं। राज्य के सात शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया है, जिनमें ग्वालियर–चंबल क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित है। वहीं रतलाम, नरसिंहपुर, सिवनी, बैतूल और नर्मदापुरम में रात का तापमान 15 से 19 डिग्री के बीच बना हुआ है। दिन के समय कहीं हल्की ठंड महसूस हो रही है, तो कहीं तेज धूप के कारण गर्माहट बनी हुई है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश में फिलहाल तापमान में उतार-चढ़ाव हवा की बदलती दिशा और हल्के बादलों के कारण बन रहा है। यह स्थिति लगभग दो दिन और बनी रह सकती है, जिसके बाद प्रदेश में फिर से ठंडी हवाएं सक्रिय होंगी और सर्दी का असर बढ़ने लगेगा। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि देश के दक्षिणी हिस्से में सक्रिय निम्न दबाव क्षेत्र की वजह से मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों में बादल छा रहे हैं, जिससे दिन में ठंड बढ़ी है और रात के तापमान में भी अस्थिरता बनी हुई है।
क्यों नहीं बढ़ रही तेज ठंड?
मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों — उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी जरूर हो रही है, लेकिन हवा की दिशा बदलने के कारण वहां की ठंडी हवाएं अभी मध्यप्रदेश तक नहीं पहुँच पा रही हैं। इसके साथ ही बंगाल की खाड़ी में मौजूद लो प्रेशर एरिया के चलते एमपी में हल्के बादल भी हैं, जिससे दिन का तापमान कम हुआ है लेकिन रात का पारा 5-6 डिग्री तक बढ़ा है।
मंगलवार और बुधवार के तापमान पर नजर डालें तो भोपाल में 15.4 डिग्री, इंदौर में 15.1 डिग्री, ग्वालियर में 9.3 डिग्री, उज्जैन में 16.5 डिग्री और जबलपुर में 15.2 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं छतरपुर के नौगांव में सबसे कम 7.8 डिग्री दर्ज हुआ। मुरैना में 8.8 डिग्री, रीवा में 8.9 डिग्री, दतिया और चित्रकूट में 9.6 डिग्री, खजुराहो में 9.8 डिग्री और सीधी में 10 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
नवंबर में ही टूटे कई पुराने रिकॉर्ड
इस बार नवंबर महीने में ठंड ने कई साल पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। भोपाल में 84 वर्षों में पहली बार इतनी कड़ाके की ठंड दर्ज की गई, जबकि इंदौर में 25 साल का रिकॉर्ड टूट गया। लगातार 15 दिनों तक प्रदेश में शीतलहर चली, हालांकि अब नवंबर के अंतिम सप्ताह में लोगों को थोड़ी राहत मिली है।
पहाड़ों में समय से पहले बर्फबारी का असर
आम तौर पर तेज ठंड नवंबर के अंत तक बढ़ती है, लेकिन इस बार हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में जल्दी बर्फबारी होने से सर्द हवाएं एमपी तक समय से पहले पहुँच गईं। भोपाल में लगातार 15 दिन तक शीतलहर चली, जो साल 1931 के बाद सबसे लंबा रिकॉर्ड है। इसी दौरान राजधानी में रात का तापमान 5.2 डिग्री तक गिर गया, जो अब तक का सबसे कम दर्ज पारा रहा।





