हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) से जुड़े आतंकी साजिश मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार को भोपाल और राजस्थान के झालावाड़ में बड़ी कार्रवाई की। इस छापेमारी में एजेंसी ने डिजिटल डिवाइस और कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच की जाएगी।
कहां-कहां हुई छापेमारी?
एनआईए ने भोपाल के तीन प्रमुख इलाकों—ऐशबाग, अशोका गार्डन और शाहजहानाबाद—में छापे मारे। इसके साथ ही राजस्थान के झालावाड़ में भी दो ठिकानों पर कार्रवाई की गई। इन छापों का मकसद हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़े नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचना और पुख्ता सबूत जुटाना था।
जब्त किया गया सामान
एनआईए ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि छापेमारी के दौरान कई डिजिटल डिवाइस, मोबाइल फोन, लैपटॉप और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
इन सभी सामग्री को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि आतंकी गतिविधियों की गहराई से पड़ताल की जा सके।
पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी
इस केस में एनआईए ने पहले अशोका गार्डन निवासी मोहसिन खान को 29 मई से 7 जून 2025 के बीच हिरासत में लिया था। माना जा रहा है कि मोहसिन खान का संबंध हिज्ब-उत-तहरीर की विचारधारा से था और वह संगठन की गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभा रहा था।
क्या है हिज्ब-उत-तहरीर का मकसद?
एनआईए के अनुसार, हिज्ब-उत-तहरीर का मकसद भारत में कमजोर और भटके हुए मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलना है। यह संगठन युवाओं को शरीया कानून पर आधारित शासन स्थापित करने के लिए उकसाता है और लोकतांत्रिक ढांचे को खत्म करने का षड्यंत्र रचता है।
हिज्ब-उत-तहरीर का परिचय
- स्थापना: 1953, यरुशलम
- प्रवृत्ति: एक वैश्विक इस्लामिक सलाफी संगठन
- फोकस: मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा में प्रशिक्षित करना
- गतिविधियां: फिलहाल पश्चिम एशिया और दक्षिण एशिया में सक्रिय, खासकर विश्वविद्यालयों में
मध्यप्रदेश में पहली बार सामने आया था HuT मॉड्यूल
2023 में मध्य प्रदेश एटीएस ने देश में पहली बार हिज्ब-उत-तहरीर के सक्रिय मॉड्यूल को उजागर किया था। इसके बाद देशभर के अन्य राज्यों में भी कई गिरफ्तारियां हुईं, जिससे पता चलता है कि संगठन की जड़ें गहरी हैं।
एनआईए का सख्त रुख
एनआईए ने साफ किया है कि भारत में किसी भी तरह के आतंकी या कट्टरपंथी नेटवर्क को पनपने नहीं दिया जाएगा। एजेंसी की तफ्तीश जारी है और आने वाले दिनों में और भी कार्रवाई की जा सकती है।
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निष्कर्ष:
भोपाल में एनआईए की छापेमारी देश की आतंरिक सुरक्षा के लिए बेहद अहम मानी जा रही है। हिज्ब-उत-तहरीर जैसे संगठनों के नेटवर्क को खत्म करना भारत के लोकतंत्र और सौहार्द के लिए जरूरी है। आने वाले दिनों में यह जांच किस दिशा में जाती है, उस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।