नवरात्रि का पर्व शुरू हो गया है, इसके साथ ही मध्यप्रदेश में गरबा को लेकर राजनीति गरमा रही है। गरबा को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है, राजधानी भोपाल में होने जा रहे गरबा महोत्सव को लेकर कई प्रकार के नियम लागू कर दिए गए हैं। भोपाल के मशहूर अभिव्यक्ति गरबा महोत्सव में एंट्री इन्विटेशन कार्ड और पास से मिलेगी, सुरक्षा व्यवस्था तैनात रहेगी महिला बाउंसर भी मौजूद होगी। गरबा में अपना आधार कार्ड और पेन कार्ड साथ में रखें। गरबा में जाने वाले लोग और प्रतिभागी किसी भी प्रकार का धूम्रपान न करें।
इंदौर का गरबा विवाद
वहीं मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में नवरात्रि के आते ही गरबा महोत्सव को लेकर विवाद बढ़ गया है. इंदौर के भवरकुआं इलाके में शिखर गरबा मंडल नाम की समिति पिछले 35 सालों से मूर्ति स्थापना और गरबा रास का आयोजन करती जा रही है, जिसके आयोजक का नाम फिरोज खान है, बजरंगंदल कार्यकर्ताओं ने आयोजक पर लव जिहाद का आरोप लगाते हुए शिकायत की, पुलिस ने जांच की और आयोजन स्थल से टेंट, बैनर-पोस्टर हटवा दिए गए हैं.
फिरोज खान ने दिया बड़ा बयान
फिरोज खान आयोजक का कहना है कि 35 सालों से यहां आयोजन हो रहा है. मैं 25 सालों से यहां आयोजन से जुड़ा हूं 15 साल से व्यवस्था संभाल रहा हूं, कभी ऐसी दिक्कत नहीं आई, कुछ क्षेत्रीय राजनीतिक लोगों के फोटो को लेकर आपत्ति आई थी, इसे लेकर पूरा माहौल तैयार किया गया है, मैं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से जुड़ा हुआ हूं , मुझे जानबूझकर आयोजन से दूर किया जा रहा है. करीब 250 युवतियां इस आयोजन में हिस्सा ले रही थी, रात में ही कॉलोनी के लोगों ने भी बात करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस प्रशासन ने आयोजन करने से मना कर दिया.
इंदौर में भाजपा जिलाध्यक्ष ने कही थी ये बात
इंदौर में भाजपा जिलाध्यक्ष चिंटू वर्मा ने हाल ही में गरबा आयोजकों से कहा था कि गरबा पंडाल में आने वाले हर व्यक्ति को गो-मूत्र पिलाया जाए, उसके बाद ही एंट्री दी जाए, उन्होंने ये भी कहा कि नवरात्र में गरबा में आने वालों को अपने माथे पर तिलक भी लगाना चाहिए, वहीं कांग्रेस ने भाजपा जिला अध्यक्ष के इस बयान को बचकाना बताया है, कांग्रेस ने कहा है कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के मकसद से इस तरह के बयान दिए जाते हैं.
माता रानी को बुर्खा पहनाने का विवाद
इंदौर के खजराना इलाके में मूर्ति कलाकारों के देवी मूर्ति के बुर्के जैसी ड्रेस पहनाने की सूचना पर हिन्दू संगठनों ने हंगामा कर दिया, हंगामे के बाद हिंदूवादियों ने थाने पहुंचकर पुलिस से मूर्तिकार और मूर्ति को नौ दिन के लिए स्थापित करने वाले पर कार्रवाई की मांग की, आपको बता दें, घटना बुधवार देर शाम की है. खजराना मंदिर की इस घटना की चर्चा चारों ओर हो रही है.
भोपाल में उठी यह मांग
भोपाल में “संस्कृति बचाओ मंच” ने ये मांग उठाई है कि गरबा आयोजक गरबा पंडाल के सामने वराह अवतार की फोटो लगाकर पूजन करवाएं, वराह अवतार लेकर भगवान विष्णु ने लेकर पृथ्वी को उठाया था, वहीं पंचगव्य का छिड़काव करके और पिलाकर ही लोगों को प्रवेश दें, जिससे हमारे वराह (सुअर) को अपवित्र मानने वाले जेहादी और अन्य संप्रदाय के लोग गरबों में प्रवेश नहीं कर सकेंगे.
उज्जैन में गरबे को लेकर यह हैं नियम
उज्जैन में कालीदास अकादमी में आयोजित न्यू नवरंग सांस्कृतिक संस्था ने गरबा देखने के लिए आधार कार्ड को एंट्री के समय दिखाना ज़रूरी किया है. वहीं युवतियों को सशक्त करने के लिए तलवार और डंडे देकर गरबा सिखाया जा रहा है, संस्था के अध्यक्ष का कहना है कि असुविधा से बचने के लिए आधार कार्ड जरूर साथ लाएं, तिलक लगाकर आएंगें तो अच्छा रहेगा.
खंडवा में महिलाओं के परिधान पर विशेष ध्यान
महिलाओं को पारंपरिक परिधान में ही गरबा पंडाल पर प्रवेश मिलेगा, खंडवा जिला समिति के आयोजकों का कहना है कि महिलाओं को बैकलेस ड्रेस और ब्लाउज पहनकर आने में रोक लगा दी गई है. गरबा पंडाल में बिना आईडी कार्ड दिखाए प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इसके साथ ही सिंगल पुरुष को पंडाल में एंट्री नहीं रहेगी, इन्हें परिवार के साथ ही प्रवेश मिलेगा.