BY: Yoganand Shrivastva
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) ने भारत के विभिन्न राज्यों और शहरों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आंकड़े जारी किए हैं। साल 2023 का यह डेटा दर्शाता है कि देश में महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में दर्ज किए गए। हालांकि, 2022 की तुलना में 2023 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 5.59 प्रतिशत की गिरावट आई है।
रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी दिल्ली में 2023 में महिलाओं के खिलाफ कुल 13,000 से अधिक मामले सामने आए। पिछले साल यह आंकड़ा 14,158 था, जबकि 2021 में 13,982 मामले दर्ज हुए थे। दिल्ली ने देश के 19 मेट्रो शहरों में दहेज हत्या और बलात्कार के मामलों में शीर्ष स्थान बनाया है।
साल 2023 में दिल्ली में बलात्कार के 1,088 मामले दर्ज किए गए। वहीं जयपुर में 573 और मुंबई में 196 मामले सामने आए। अपहरण के मामले भी चिंता का विषय हैं। दिल्ली में अपहरण के 3,952 मामले दर्ज किए गए, जो देश में 52.2 प्रतिशत की दर के साथ पटना (71.3 प्रतिशत) के बाद दूसरी सबसे अधिक है। एसिड अटैक के मामले अपेक्षाकृत कम रहे, यहाँ केवल छह मामले दर्ज हुए।
दिल्ली में दहेज हत्या के 114 मामले दर्ज हुए, हालांकि यह आंकड़ा जयपुर, कानपुर और गाजियाबाद जैसे शहरों की तुलना में कम है। पति या परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा महिलाओं के साथ क्रूरता के मामले दिल्ली में सबसे ज्यादा 4,219 दर्ज किए गए। बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों की बात करें तो, पॉक्सो एक्ट के तहत 1,048 मामले दिल्ली में दर्ज हुए, जो अन्य मेट्रो शहरों की तुलना में सबसे अधिक हैं।
साइबर अपराध के मामले अपेक्षाकृत कम दिखे। साल 2023 में दिल्ली में सिर्फ 36 मामले सामने आए। इसके विपरीत, बेंगलुरु में 127, हैदराबाद में 53 और लखनऊ में 41 मामले दर्ज किए गए। इन अपराधों में यौन सामग्री फैलाना, ब्लैकमेल, फर्जी प्रोफाइल बनाना और मानहानि शामिल हैं।
डेटा से यह स्पष्ट होता है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए हालांकि कुछ कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में उनके खिलाफ अपराध अब भी उच्च स्तर पर हैं। NCRB के आंकड़े न केवल अपराध की गंभीरता दिखाते हैं, बल्कि यह भी संकेत देते हैं कि महिलाओं की सुरक्षा और कानून के प्रवर्तन में सुधार की आवश्यकता है।