रिपोर्ट- नेमी चंद, एडिट- विजय नंदन
गरियाबंद: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित गरियाबंद जिले में पुलिस को आज एक ऐतिहासिक सफलता मिली है। पुलिस की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर, लगभग 8 नक्सलियों के एक समूह ने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है।
पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी (आईजी) के समक्ष इन नक्सलियों ने बंदूकें डालकर हिंसा का रास्ता छोड़ दिया और समाज की मुख्यधारा में लौटने की घोषणा की।
नक्सली संगठन को बड़ा नुकसान
इतनी बड़ी संख्या में, खासकर लाखों के इनामी नक्सलियों का एक साथ आत्मसमर्पण करना, गरियाबंद जिले और ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमावर्ती क्षेत्रों में नक्सली समूह के मनोबल और शक्ति के लिए एक बड़ा झटका है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह आत्मसमर्पण यह दिखाता है कि सुरक्षा बलों के लगातार दबाव और सरकार की पुनर्वास नीति के चलते अब नक्सली संगठन कमजोर पड़ रहा है और उसके सदस्य हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं।
जनवरी 2025 से अब तक नक्सली सरेंडर
छत्तीसगढ़ में जनवरी 2025 से लेकर अब तक (नवंबर 2025) नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान को अभूतपूर्व सफलता मिली है। केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार के अनुसार साल 2024 में भाजपा सरकार बनने के बाद से ही, राज्य में 2,110 से अधिक नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया है। ये आंकड़े स्पष्ट संकेत देते हैं कि छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य अब निकट है।
सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव, नई पुनर्वास नीति, और “नियदनेल्लानार योजना” के कारण, नक्सली लगातार मुख्यधारा में लौट रहे हैं। वर्ष 2025 में हुए कुछ सबसे बड़े आत्मसमर्पण की घटनाएं इस प्रकार हैं:
अक्टूबर 2025: सामूहिक आत्मसमर्पण की लहर
अक्टूबर 2025 का महीना नक्सल उन्मूलन के लिए ऐतिहासिक रहा। कुछ ही हफ्तों के भीतर सैंकड़ों नक्सलियों ने हथियार डाले।
जगदलपुर में सबसे बड़ा सरेंडर: 17 अक्टूबर को बस्तर के जगदलपुर में आयोजित एक भव्य समारोह में 208 से 210 नक्सलियों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया।
दंतेवाड़ा और कांकेर में भी बड़ी सफलता: इससे ठीक पहले, 16 अक्टूबर के आसपास, 170 से अधिक नक्सलियों ने विभिन्न स्थानों पर समर्पण किया। इस समूह में 40 लाख रुपये के इनामी रूपेश जैसे बड़े कमांडर भी शामिल थे।
अन्य सामूहिक समर्पण: अक्टूबर के पहले सप्ताह में, बीजापुर में भी 103 नक्सलियों के एक बड़े समूह ने आत्मसमर्पण किया था, जिनमें से कई पर लाखों का इनाम था।
अगस्त में कांकेर में कैडरों का सरेंडर: 27 अगस्त को कांकेर जिले में 21 माओवादी कैडरों ने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया।
हाल ही में, 6 नवंबर को ₹17 लाख की इनामी महिला नक्सली कमला सोड़ी ने खैरागढ़-छुईखदान-गंडई (केसीजी) जिले में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। उसने बताया कि वह सरकार की नई पुनर्वास नीति से प्रभावित है।





