BY: MOHIT JAIN
शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व आज से शुरू हो गया है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है और इसे पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। नवरात्रि के प्रत्येक दिन देवी दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की पूजा की जाती है।आज, यानी नवरात्रि के पहले दिन, पूजा की जाती है मां शैलपुत्री की। इस दिन लोग घटस्थापना यानी कलश स्थापना करते हैं और मां शैलपुत्री की आराधना कर अपने घर और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।
नवरात्रि के पहले दिन पहनने का शुभ रंग
मां शैलपुत्री को समर्पित इस दिन सफेद रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। सफेद रंग शांति, पवित्रता और नई शुरुआत का प्रतीक है।
मां शैलपुत्री के मंत्र

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री के मंत्र का जाप विशेष रूप से किया जाता है। प्रमुख मंत्र हैं:
- ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः
- शैलपुत्री स्तोत्र:
“वंदे वांछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥” - बीज मंत्र:
“या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥”
इन मंत्रों का जाप श्रद्धा भाव से करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
शैलपुत्री का भोगपहले दिन मां शैलपुत्री को विशेष रूप से सफेद रंग के प्रसाद अर्पित किए जाते हैं। इनमें शामिल हैं:
- गाय के दूध और घी से बनी खीर
- रबड़ी
- सफेद बर्फी
- मावा के लड्डू
- कद्दू का हलवा
इन भोगों को अर्पित करने से घर में सुख-शांति आती है और जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
मां शैलपुत्री की आरती
आरती करते समय घी का दीपक जलाकर शंख और घंटी के साथ मां की स्तुति की जाती है। प्रमुख आरती इस प्रकार है:
“शैलपुत्री मां बैल असवार। करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी।
पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।
सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुख तकलीफ मिला दो।
घी का सुंदर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।
जय गिरिराज किशोरी अंबे। शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।”
नवरात्रि के पहले दिन पूजा विधि
- स्नान और वस्त्र धारण: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सफेद वस्त्र धारण करें।
- कलश स्थापना: शुभ मुहूर्त में चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर कलश और मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- अखंड ज्योति: मां के सामने दीपक प्रज्वलित करें।
- गणेश पूजन: सबसे पहले भगवान गणेश का पूजन करें।
- मां शैलपुत्री का आह्वान: हाथों में लाल फूल लेकर पूजा करें।
- शृंगार और मंत्र जाप: कुमकुम, अक्षत, सिंदूर, धूप, गंध, फूल अर्पित करें और मंत्र जप करें।
- आरती और प्रसाद: घी के दीपक से आरती करें और प्रसाद बांटें।
- क्षमा याचना: पूजा के अंत में अपनी गलतियों की क्षमा मांगें।
आप चाहें तो दुर्गा चालीसा या सप्तशती का पाठ भी कर सकते हैं।